कोरोना वायरस से लड़ने के लिये सेना के 8,500 डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ नागरिक प्रशासन के मदद के लिये तैयार है. इतना ही नहीं सेना के अस्पताल में 9,000 से अधिक बेड कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए उपलब्ध हैं . ये सारी बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में कोरोनावायरस को लेकर हुई रक्षा मंत्रालय की बैठक में निकलकर आई . वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रक्षा मंत्री ने रिव्यू बैठक में सभी संगठनों से सिविलियन अथॉरिटी को मदद पहुंचाने के लिए तैयार रहने को कहा है. इस बैठक में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह और वायु सेना चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदोरिया और डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी मौजूद थे.
सीडीएस जनरल विपिन रावत ने रक्षा मंत्री को जानकारी दी कि कोरोना वायरस के इलाज के लिये अलग से अस्पतालों की पहचान की गई है जिसमें नौ हजार के करीब बेड खासतौर से कोरोना पीड़ितों के लिये होंगे. जनरल रावत ने रक्षा मंत्री को ये भी बताया कि अलग अलग देशों से लाये करीब 1,000 लोगों को जैसलमेर, जोधपुर चेन्नई , मानेसर, हिंडन और मुबई में क्वॉरेंटाइन किया गया है जिसकी समय सीमा 7 अप्रैल को खत्म हो जाएगी .
वही सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने बताया कि करीब 8,500 आर्मी के डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ कोरोना से लड़ने के लिए नागरिक प्रशासन के मदद के लिए तैयार हैं . वायु सेना चीफ एयर चीफ मार्शल ने कहा कि वायुसेना के विमान लगातार मेडिकल साजोसमान देश के अलग-अलग कोने तक पहुंचा रहे हैं . अब तक करीब 25 टन मेडिकल सप्लाई को अलग अलग इलाकों में पहुंचाया गया है . नौसना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह ने बताया कि नौसेना के युद्धपोत सिविलियन अथॉरिटी की हर संभव मदद के लिए तैयार खड़े हैं तो डीआरडीओ प्रमुख ने रक्षा मंत्री को बताया कि करीब 50,000 लीटर सैनिटाइजर दिल्ली पुलिस सहित कई सुरक्षा एजेंसियों को दिया गया है . साथ ही 40 हजार मॉस्क दिल्ली पुलिस को सप्लाई किए गए हैं .
डीआरडीओ की लैब में रोजाना 20,000 पीपीई किट बनाने की तैयारी की जा रही है और वेटेलिंटर को इस तरह मोडिफाई किया गया है कि एक मशीन से एक ही वक्त में चार मरीजों को सपोर्ट दे सकता है . डीआरडीओ के साथ आर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड भी सेनेटाइजर, फेस मास्क और पीपीई बनाने में जुट गई है . इतना ही नही 25,000 एनसीसी कैडेट को भी नागरिक प्रशासन के मदद के लिये तैयार रहने को कहा गया है . साफ है कि रक्षा मंत्रालय कोरोना की चुनौती से निपटने के लिये हर तरीके से तैयारी में जुटा है .
Coronavirus से लड़ने के लिए नौसेना ने तैयार की ये स्पेशल गन, जानिए इसकी कीमत और खासियत
Reported by: राजीव रंजन, Edited by: राहुल सिंहCoronavirus: मध्य प्रदेश में लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ले रही 'भूतों' की मदद
Reported by: भाषालॉकडाउन में हुआ जुड़वां बच्चों का जन्म, माता-पिता ने बेटे का नाम रखा COVID, बेटी का Corona
Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदीसुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.
अधिकारियों ने कहा कि देश में संक्रमण के मामले बढ़ने और जेएन.1 उपस्वरूप के मामलों की पुष्टि होने के बावजूद तत्काल चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि अधिकतर संक्रमित मरीजों ने घर पर रहकर उपचार का विकल्प चुना है और उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष सुखदेव ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, "जिले में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश पाने के लिए एहतियाती कदमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया जाता है."