देश में कोविड-19 के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में इस महामारी के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये पुलिस "भूतों" की मदद भी ले रही है. दरअसल, विजय नगर पुलिस ने स्वयंसेवकों का दल तैयार किया है जो भूत के हुलिये में खासकर झुग्गी बस्तियों में पहुंचते हैं और लोगों को इस महामारी के खिलाफ जागरूक करते हैं. पुलिस की इस अनोखी मुहिम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. डरावने मुखौटों वाले ये 'भूत अस्थि पिंजर के चित्र वाली खास पोशाक पहने नजर आते हैं.
विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने शुक्रवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया, "हमने छह स्वयंसेवकों का खास दल तैयार किया है जो तीन अलग-अलग पालियों में भूत के हुलिये में खासकर उन झुग्गी बस्तियो में पहुंचते हैं जहां लोगों में कोविड-19 के खिलाफ जागरूकता की कमी है.'
उन्होंने बताया, "जो लोग शहर में कर्फ्यू लगा होने के बावजूद घर से बाहर देखे जाते हैं, उन्हें भूत के हुलिये वाले हमारे स्वयंसेवक अपने डरावने अभिनय से आगाह करते हैं कि अगर वे बगैर किसी वजह के बाहर घूमेंगे तो कोरोना का भूत उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लेगा. ये स्वयंसेवक लोगों को बताते हैं कि कोविड-19 से बचने के लिये सामाजिक दूरी बनाना कितना जरूरी है."
ताजा आंकड़ों के मुताबिक शहर में कोरोना वायरस संक्रमण की मरीजों की तादाद बढ़कर 89 पर पहुंच गयी है. इनमें से पांच लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.
इस महामारी के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है.
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Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: अल्केश कुशवाहाकोविड-19 रोधी वैक्सीन 'कोविशील्ड' बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने खुद स्वीकार कर लिया है कि इसे लेने वाले लोगों में रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. द टेलीग्राफ (यूके) ने बताया कि ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं.
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.