दिखने में आपको भले ही यह सामान्य पिस्टल लग रही हो लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में यह गन काफी अहम है. इस गन को नौसेना (Navy) ने बनाया है. मुंबई के नेवल डॉक्यार्ड ने लोगों के शरीर के तापमान की जांच करने के लिए यह सेंसर तकनीक से लैस गन तैयार की है. यह थर्मल गन इतनी सटीक है कि शरीर का तापमान 0.02 डिग्री तक को यह माप सकती है. यह इंफ्रारेड तकनीक वाली गन कोरोना की जांच के लिए काफी असरदार है.
इस गन में एक एलईडी डिस्पले और एक माइक्रो कंट्रोलर भी लगा है, जो 9 वोल्ट की बैटरी से चलता है. सबसे बड़ी बात है इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं है. इसकी कीमत मात्र 1000 रुपये है. बाजार में इस क्वालिटी की गन की कीमत 8 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक है. नौसेना की पश्चिमी कमान के 285 साल पुराने नेवल डॉक्यार्ड में रोजाना करीब 20 हजार लोग आते हैं. अब इस गन के आने के बाद वहां हर आने वाले की जांच की जा रही है और अगर तापमान सही पाया जाता है, तभी उसकी इंट्री डॉक्यार्ड में हो पाती है. वैसे फिलहाल यह गन बाजार में आपको नहीं मिलेगी लेकिन अगर डिमांड हो तो नौसेना की जरुरत पूरा करने के बाद नेवल डॉक्यार्ड आम लोगों के लिए भी इसे बना सकता है.
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बताते चलें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से लड़ाई को लेकर एक वीडियो संदेश के जरिए 130 करोड़ भारतीयों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा, 'कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन को आज 9 दिन हो रहे हैं. इस दौरान आप सभी ने अनुशासन और सेवाभाव, दोनों का जो परिचय दिया है, वो अभूतपूर्व है.' पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों से 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घरों के दरवाजों या बालकनी में आकर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या फिर मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने का आग्रह किया है. पीएम ने कहा कि इस दौरान लोग अपने घरों की लाइटें बंद कर दें.
पीएम ने आगे कहा, 'ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने-अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है. हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है, इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए. हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है, जो इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, हमारे गरीब भाई-बहन, उन्हें कोरोना संकट से पैदा हुई निराशा से आशा की तरफ ले जाना है.'
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Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: अल्केश कुशवाहासुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.
अधिकारियों ने कहा कि देश में संक्रमण के मामले बढ़ने और जेएन.1 उपस्वरूप के मामलों की पुष्टि होने के बावजूद तत्काल चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि अधिकतर संक्रमित मरीजों ने घर पर रहकर उपचार का विकल्प चुना है और उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष सुखदेव ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, "जिले में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश पाने के लिए एहतियाती कदमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया जाता है."