एक शोध में यह बात सामने आई है कि बच्चों के श्वसन तंत्र में वायरस और बैक्टीरिया की वजह से उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. यही वजह है कि बच्चे कोविड-19 के सबसे बुरे प्रभावों से बच सके. श्वसन तंत्र नली का वायरल संक्रमण नाक, गले और वायु नली को प्रभावित करता है और ऐसा कई अलग-अलग तरह के वायरस के कारण हो सकता है. बच्चे, वयस्कों की तुलना में सामान्य सर्दी जैसे श्वसन संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. मगर घातक कोरोनावायरस ने उन्हें कम प्रभावित किया. जहां एक तरफ वैश्विक स्तर पर इसने लाखों लोगों की जान ली, वहीं इसमें बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने और उनकी मृत्यु दर में काफी कमी देखने को मिली.
शोध के लिए अमेरिका में येल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने महामारी के दौरान बाल रोगियों से लिए गए 600 से अधिक नाक के स्वाबों का विश्लेषण किया. उन्होंने 19 विभिन्न श्वसन वायरस और बैक्टीरिया के लिए नमूनों की दोबारा से जांच की. साथ ही जन्मजात इम्यून सिस्टम द्वारा एंटीवायरल और सूजनकारी प्रोटीन के स्तर को भी मापा. जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन में प्रकाशित परिणामों से पता चला है कि बिना किसी लक्षण वाले बच्चों के अलावा कई बच्चे कोरोनावायरस-2 के अलावा अन्य श्वसन रोगजनकों से संक्रमित थे.
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पांच साल से कम उम्र के लगभग 50 प्रतिशत लक्षणरहित रोगियों में वायरस या संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया पाए गए. जिन बच्चों में श्वसन संबंधी रोगाणुओं का स्तर अधिक था, उनमें नाक संबंधी जन्मजात प्रतिरक्षा का स्तर भी अधिक पाया गया. यह छोटे बच्चों और किशोरों दोनों में देखा गया. शोध से इस बात का भी खुलासा हुआ कि सामान्य सर्दी के लिए जिम्मेदार राइनोवायरस जैसे अपेक्षाकृत कम घातक रोगजनकों से बार-बार संक्रमित होने से बच्चों का जन्मजात इम्यून सिस्टम सक्रिय रहता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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भारत में चीन के खतरनाक एचएमपीवी वायरस की एंट्री हो गई है, जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड में आ गया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एचएमपीवी वायरस को लेकर आज बैठक बुलाई है. बता दें कि यूपी के प्रयागराज में इस महीने महाकुंभ मेला लग रहा है, जिसमें करोड़ों लोग जुटेंगे.
भारत में चीन का खतरनाक वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) पहुंच गया है. दो बच्चों में ये वायरस पाया गया है. फिलहाल इसकी कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि एचएमपीवी वायरस चीन में हजारों लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. वहां हालात बेकाबू हो रहा हैं, अस्पतालों के बाहर मरीजों की भीड़ नजर आ रही है.
चीन का नया वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का सामान्य श्वसन वायरस है, जो सभी उम्र के लोगों में फैल सकता है. इस वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर होने की आशंका है. वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर आप आते हैं तो आप भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.
चार साल बाद एक बार फिर एक खतरनाक वायरस दुनिया में दहशत पैदा कर रहा है. इस वायरस का कनेक्शन भी चीन से है ऐसा कहा जाने लगा है. भारत समेत सभी देश चीन की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. WHO ने भी चीन से स्थिति की पूरी जानकारी मांगी है.