सीएए, एनपीआर और एनपीए के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में गत वर्ष 13 दिसम्बर को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मथुरा के जिला कारागार में निरुद्ध गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता एवं बालरोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों की तारीफ की है और उसके तीसरे चरण में पहुंचने की आशंका प्रकट करते हुए उससे बचने के उपाय सुझाए हैं. डॉ. खान ने इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के मरीजों की की सेवा करने के लिए रिहाई की भी मांग की है.
उन्होंने प्रधानमंत्री को चेताने का प्रयास किया है कि चूंकि भारत की स्वास्थ्य सेवाएं वैसी नहीं हैं कि अगर वह कोरोना संकट के तीसरे चरण में पहुंचता है तो वह दक्षिण कोरिया के समान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं एवं योजनाबद्ध तरीके से इस संकट से बच निकले, ऐसे हमें जो कुछ करना है, वह इसी समय किया जाना चाहिए. अन्यथा हालात बेकाबू होने में देर नहीं लगेगी.
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मथुरा जेल प्रशासन के माध्यम से भेजी गई चिट्ठी में खान ने कोरोना वायरस के संदर्भ में रोडमैप सुझाते हुए लिखा है,‘मुझे ‘सार्स-कोव 2' से लड़ने के लिए सरकार द्वारा अपनाए गए उपाय सराहनीय एवं संतोषजनक लगे हैं. परंतु भारत इसके तीसरे चरण में पहुंच सकता है. आशंका है कि ऐसा होने पर देश के तीस-चालीस लाख नागरिक प्रभावित हो सकते हैं. उस स्थिति में तीन से चार फीसद मरीजों की मौत हो सकती है. ऐसे में यह महामारी बहुत ही विस्फोटक हो सकती है.'
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उन्होंने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए 107 निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों में 50,000 मरीजों को देखे जाने का हवाला देते हुए कहा है, ‘हमारी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमराई हुई है. डाक्टरों व नर्सों की बहुत कमी है. 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. आइसीयू केवल शहरों तक सीमित हैं. लोगों में जानकारी के अभाव के कारण यह महामारी बहुत घातक साबित हो सकती है. ऐसे में, स्वास्थ्य सेवाओं को अभी से मजबूत करने की जरूरत है.'
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19 मार्च को लिखे गए इस पत्र को उनकी पत्नी डॉ. शाबिस्ता खान ने उनके ट्विटर अकाउण्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय एवं संयुक्त राष्ट्र को बुधवार को टैग करते हुए ट्वीट किया. मथुरा जिला कारागार के जेलर अरुण पाण्डेय ने पत्र भेजे जाने की पुष्टि तो की, किंतु वह उसकी की सही तिथि नहीं बता सके. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार दक्षिण कोरिया के समान अधिकाधिक जांच एवं निगरानी तथा चीन के समान अधिक दृढ़ता से सोशल डिस्टेंस लागू किया जाए. इसके अलावा रैपिड लैब टेस्टिंग सेण्टरों की स्थापना, हर जिले में कम से कम 100 आइसीयू, 1000 आइसोलेशन बेड, डाक्टरों-नर्सों, आयुष चिकित्सकों, निजी चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण आदि जैसी कई बातें कहीं हैं.
उन्होंने लिखा है, ‘गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत मामले में जेल से रिहाई के बाद मैंने बिहार में चमकी, उप्र के मस्तिष्क ज्वर, केरल-असम एवं बिहार में बाढ़ के दौरान झारखण्ड-हरियाणा-छत्तीसगढ़-पश्चिम बंगाल-कर्नाटक आदि राज्यों में कुपोषण की जंग, स्वाइन फ्लू या एच1एन1 के मरीज हों, सभी का इलाज किया. मेरा रिसर्च वर्क राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो चुका है तथा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चुने गए देश के 25 बालरोग विशेषज्ञों में भी मेरा नाम सम्मिलित किया गया है.' उन्होंने प्रधानमंत्री से निवेदन किया है कि वह उनकी रिहाई सुनिश्चित करन उन्हें भी कोरोना पीड़ित मरीजों की सेवा करने का मौका दें.
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Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदीकेंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया है कि हमें समय-समय पर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस से संबंधित अपडेट देते रहना चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि भारत का निगरानी नेटवर्क सतर्क बना हुआ है. देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत में चीन के खतरनाक एचएमपीवी वायरस की एंट्री हो गई है, जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड में आ गया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एचएमपीवी वायरस को लेकर आज बैठक बुलाई है. बता दें कि यूपी के प्रयागराज में इस महीने महाकुंभ मेला लग रहा है, जिसमें करोड़ों लोग जुटेंगे.
भारत में चीन का खतरनाक वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) पहुंच गया है. दो बच्चों में ये वायरस पाया गया है. फिलहाल इसकी कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि एचएमपीवी वायरस चीन में हजारों लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. वहां हालात बेकाबू हो रहा हैं, अस्पतालों के बाहर मरीजों की भीड़ नजर आ रही है.
चीन का नया वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का सामान्य श्वसन वायरस है, जो सभी उम्र के लोगों में फैल सकता है. इस वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर होने की आशंका है. वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर आप आते हैं तो आप भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.
चार साल बाद एक बार फिर एक खतरनाक वायरस दुनिया में दहशत पैदा कर रहा है. इस वायरस का कनेक्शन भी चीन से है ऐसा कहा जाने लगा है. भारत समेत सभी देश चीन की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. WHO ने भी चीन से स्थिति की पूरी जानकारी मांगी है.