कोरोना के लगातार बढ़ते मामले डराते ज़रूर हैं पर जो लोग कोरोना की जंग जीत चुके हैं उनसे हौसला और उम्मीद मिलती है. अब तक कुल 37 लोगों ने कोरोना को हराया है. इनका विदेश की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं रही पर जिनके कांटेक्ट में वे आए वो विदेश गए थे. कोरोना को मात देने वाले ऐसे ही एक शख्स ने NDTV से बातचीत की.
सफदरजंग हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किए गए व्यक्ति जो कि कोरोना से पीड़ित थे, ने बताया, "जब मुझे मालूम चला कि रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और मुझे कोरोना है तो डर तो लगा था पर डरने की ज़रूरत नहीं है.' कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति ने बताया, 'ऊपर भगवान हैं और नीचे डॉक्टर, नर्स और हाउसकीपिंग स्टाफ के तौर पर उनके दूत हैं.' आइसोलेशन पर फैल रहे भ्रम को दूर करते हुए व्यक्ति ने बताया, 'आइसोलेशन बस एकांतवास है और कुछ नहीं. जैसे आप घर पर रहते हैं ठीक वैसे ही रहना है. बस आपको किसी से मिलना नहीं है.'
उन्होंने बताया , 'आइसोलेशन में फ़ोन से परिवार से बात कर सकते थे और करते भी थे. डरने और घबराने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है.' कोरोना से प्रभावित रहे व्यक्ति ने बताया, 'कोरोना पॉजिटिव आता है तो संयम रखें जो डॉक्टर कहें वो करें. टेस्ट भी कुछ ऐसा नहीं की डर ज़्यादा लगे. नाक और गले से लेते हैं.' व्यक्ति ने बताया कि अभी घर पर भी उतने दिन ही क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है.
बता दें, भारत में फैल रहे कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच देश के 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पूरी तरह से लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. इस फैसले 560 जिलों में पूरी तरह से बंदी लागू कर दी गई है. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है.
पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामले अचानक बढ़ने के बाद अधिकारियों ने लगभग पूरे देश में लॉकडाउन (बंद) लागू कर दिया है जिसके तहत लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध हैं और सड़क, रेल एवं हवाई यातायात पर 31 मार्च तक रोक लगा दी गई है.
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Reported by: भाषालॉकडाउन में हुआ जुड़वां बच्चों का जन्म, माता-पिता ने बेटे का नाम रखा COVID, बेटी का Corona
Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदीकोविड-19 रोधी वैक्सीन 'कोविशील्ड' बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने खुद स्वीकार कर लिया है कि इसे लेने वाले लोगों में रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. द टेलीग्राफ (यूके) ने बताया कि ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं.
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.