ताइवान में आज राष्ट्रपति चुनाव (Taiwan Election) के लिए लाखों लोग मतदान करेंगे. इस बीच मतदाताओं पर यह दबाव होगा कि कहीं वे किसी गलत नेता को न चुन लें, जिससे स्व-शासित द्वीप पर युद्ध का मंच तैयार हो जाए. मतदान से पहले बीजिंग ने मतदान से पहले मौजूदा उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते को एक खतरनाक "अलगाववादी" बताया और मतदाताओं को चेतावनी दी कि यदि वे सैन्य संघर्ष से बचना चाहते हैं, तो "सही विकल्प" चुनें. लाई चिंग-ते लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, उनके चुनाव जीतने की काफी संभावना जताई जा रही है.
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, कम्युनिस्ट चीन 180 किलोमीटर (110 मील) जलडमरूमध्य द्वारा मुख्य भूमि से अलग हुए स्व-शासित ताइवान पर अपना दावा करता है. चीन कहता है कि वह ताइवान को अपने साथ लाने के लिए बल का प्रयोग नहीं करेगा, चाहे किसे कितना भी इंतजार करना पड़ा. ऐसे में हरे द्वीप के लगभग 18,000 मतदान केंद्रों पर सुबह 8:00 बजे (0000 GMT) मतदान शुरू हुआ, जिसमें लगभग 2 करोड़ मतदान अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
ताइवान में 2020 में हुए पिछले चुनाव में मतदान लगभग 75 प्रतिशत था, लेकिन विश्लेषकों का अनुमान है कि इस बार ये संख्या कम हो सकती है. चुनाव के परिणाम शनिवार शाम को आने की उम्मीद है, जिसके परिणाम पर बीजिंग से लेकर वाशिंगटन तक की नज़र रहेगी, क्योंकि दोनों महाशक्तियां रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में प्रभाव के लिए संघर्ष कर रही हैं.
चुनाव अभियान के दौरान डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के लाई ने खुद को ताइवान की लोकतांत्रिक जीवन शैली के रक्षक के रूप में पेश किया. वहीं, विपक्षी कुओमितांग (केएमटी) के उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी होउ यू-इह, चीन के साथ मधुर संबंधों के पक्षधर हैं और डीपीपी पर अपने रुख के साथ बीजिंग को नाराज करने का आरोप लगाते हैं कि ताइवान "पहले से ही स्वतंत्र" है. होउ के केएमटी ने कहा है कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखते हुए आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देंगे.
इस दौड़ में नवोदित लोकलुभावन ताइवान पीपुल्स पार्टी (टीपीपी) का उदय भी देखा गया है, जिसके नेता को वेन-जे ने दो-पक्षीय गतिरोध से बाहर निकलने के लिए "तीसरे रास्ते" का विकल्प जनता के सामने रखा है. केएमटी और टीपीपी ने डीपीपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए एक समझौता करने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रपति पद के टिकट का नेतृत्व कौन करेगा...? इस पर साहमति न बन पाने के कारण दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं हो पाया. तीनों पार्टियों ने शुक्रवार रात हजारों की भीड़ के सामने अंतिम रैलियां कीं.
राष्ट्रपति के साथ-साथ मतदाता ताइवान की 113 सीटों वाली विधायिका के लिए विधायकों का भी चुनाव करेंगे. ताइवान ने चुनाव के 10 दिनों के भीतर सर्वेक्षणों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि 64 वर्षीय लाई के शीर्ष सीट जीतने की उम्मीद है, हालांकि उनकी पार्टी को अपना संसदीय बहुमत खोने की संभावना है.
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Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा© Copyright NDTV Convergence Limited 2024. All rights reserved.