
अमेरिका के राष्ट्रपति बड़े बदलाव को तैयार हैं. उन्होंने मंगलवार, 25 मार्च को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जिसमें अमेरिका में होने वाले चुनावों में व्यापक बदलाव की मांग की गई. उन्होंने वहां के फेडरल चुनावों (केंद्रीय) में वोटिंग के रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है. यानी जैसे भारत में हम आधार कार्ड या वोटर कार्ड जैसे आधिकारिक आईडी प्रूव देते हैं वैसे ही अमेरिका में अब कोई वहां का नागरिक है, उसका डॉक्यूमेंट दिखाना होगा, तभी जाकर वो खुद को वोट डालने के लिए रजिस्टर कर सकता है.
भारत और कुछ अन्य देशों का हवाला देते हुए, आदेश में कहा गया कि अमेरिका, "स्वशासन वाले अग्रणी देश" होने के बावजूद, आधुनिक, विकसित और विकासशील देशों द्वारा उपाय में लाए जाने वाले "बुनियादी और आवश्यक चुनाव सुरक्षा" को लागू करने में विफल रहा है.
इसके अनुसार, "जर्मनी और कनाडा को वोटों को अरेंज करते समय कागजी बैलेट की आवश्यकता होती है, जबकि अमेरिका के पास कई तरीके हैं जिनमें अक्सर चेन-ऑफ-कस्टडी की बुनियादी कमी होती है."
आदेश में यह भी कहा गया है कि डेनमार्क और स्वीडन जैसे देश व्यक्तिगत रूप से मतदान करने में असमर्थ लोगों के लिए मेल-इन वोटिंग को "समझदारी से" सीमित करते हैं और पोस्टमार्क की तारीख की परवाह किए बिना देर से आने वाले वोटों की गिनती नहीं करते हैं. लेकिन कई अमेरिकी चुनावों में अब मेल द्वारा बड़े पैमाने पर मतदान की सुविधा है. कई अधिकारी बिना पोस्टमार्क वाले या चुनाव की तारीख के बाद प्राप्त मतपत्रों को स्वीकार करते हैं.
उन्होंने कहा, "अमेरिकी नागरिकों का अपने वोटों को अवैध रूप से कमजोर किए बिना उचित ढंग से गिनती और सारणीबद्ध (टैबुलेट) करने का अधिकार, चुनाव के असली विजेता का निर्धारण करने के लिए महत्वपूर्ण है."
दम आलू, चिली चिकन और चाय… न्यूयॉर्क के ‘देसी’ मेयर बनने के बाद ममदानी का स्पेशल लंच, शेयर की तस्वीर
Edited by: Ashutosh Kumar Singhकौन हैं गजाला हाशमी, अमेरिका के वर्जीनिया में चुनी गईं लेफ्टिनेंट गवर्नर
Written by: तिलकराजभारत से कितना अलग होता है अमेरिका का मेयर चुनाव? क्या होती हैं पावर, जानें हर सवाल का जवाब
Written by: मुकेश बौड़ाईजोहरान ममदानी की पहली विक्ट्री स्पीच में भी उनकी भारतीय जड़ें नजर आईं, जिसमें उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रसिद्ध ‘ट्रस्ट विद डेस्टिनी’ भाषण का हवाला दिया. जब मंच से उतरे तो ‘धूम मचा ले’ गाना बैकग्राउंड में बज रहा था.
1964 में हैदराबाद में जिया हाशमी और तनवीर हाशमी के घर गजाला का जन्म हुआ था. शुरुआती कुछ साल गजाला अपने नाना के घर मालकपेट में रहीं. गजाला जब सिर्फ 4 साल की थी, तभी अपने बड़े भाई के साथ अमेरिका आ गई थीं.
NYC Mayor Election Zohran Mamdani: अमेरिका में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत लिया है, जिसके बाद उनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि अमेरिका में ये चुनाव कैसे होते हैं.
Zohran Mamdani Wife Rama Duwaji: न्यूयॉर्क मेयर पर जोहरान ममदानी की जीत के पीछे उनकी पत्नी रामा दुवाजी की भी अहम भूमिका बताई जा रही है. डिजिटल मीडिया एक्सपर्ट ने पति के कंपेन में बड़ा योगदान दिया.
Zohran Mamdani vs Donald Trump: न्यूयॉर्क के नए मेयर जोहरान ममदानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को सीधे चुनौती दी है.
US Election Results: अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप को तगड़ा झटका लगा है. ट्रंप की लाख कोशिशों के बावजूद जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत लिया है. वर्जीनिया और न्यू जर्सी में भी उन्हें झटका लगा.
जोहरान ममदानी सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क शहर आ गए थे. उनके पिता महमूद ममदानी युगांडा के फेमस लेखक हैं और भारतीय मूल के मार्क्सवादी विद्वान हैं. उनकी मां मीरा नायर एक पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी फिल्म मेकर हैं.
बिहार-यूपी के गांवों से निकलकर आज अपनी वैश्विक पहचान बना चुके छठ पर्व की भावना और बिहार विधानसभा चुनाव पर रंधीर कुमार गौतम और केयूर पाठक की टिप्पणी.
LIVE: बेतिया सांसद डॉ संजय जयसवाल से 10 करोड़ की रंगदारी मांगे जाने का मामला सामने आया है. अपराधियों ने रंगदारी नहीं देने पर बीजेपी सांसद के बेटे को मारने की धमकी दी है.
गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को रोहतास में10 जिलों से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. शाह ने कहा कि आज की बैठक सिर्फ नेताओं की नहीं, बल्कि उन कार्यकर्ताओं की है जो चुनाव जीतने की असली ताकत हैं.

