अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने चुनाव के लिए फंड जुटाने वाले एक कार्यक्रम में "ज़ेनोफोबिक" (Xenophobia) शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद दुनियाभर में इस शब्द की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल बाइडेन ने भारत, जापान, रूस और चीन को "ज़ेनोफोबिक" राष्ट्र कहा था, जिसके बाद से उनको काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है. जो बाइडेन ने इस शब्द का इस्तेमाल आप्रवासियों का स्वागत करने के लिए अमेरिका की प्रतिष्ठा के बारे में बात करते हुए किया था. अब सवाल यह उठने लगा है कि आखिर "ज़ेनोफोबिक" है क्या. कई लोग वास्तव में यह जानना चाहते हैं कि "ज़ेनोफोबिक" का क्या मतलब होता है.
ज़ेनोफोबिया का मतलब है विदेशी लोगों को पसंद नहीं करने को लेकर डर या अन्य संस्कृतियों या देशों के लोगों से डरना या नफरत करना. यह डर उन अपरिचित लोगों की वजह से पैदा होता है, जो "अलग" हैं. यह डर "बाहरी" समझे जाने वाले लोगों के प्रति भेदभाव के साथ ही दुश्मनी तक पैदा कर सकता है. ज़ेनोफ़ोबिया बंटवारे तक का कारण बन सकता है और लोगों को साथ आने से रोक सकता है.
अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा," अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक बड़ा कारण यह है भी है, "क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं." उन्होंने ये भी कहा चीन, जापान, रूस और भारत "ज़ेनोफ़ोबिक" हैं, इसीलिए वह आर्थिक रूप से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, क्यों वह आप्रवासियों को पसंद नहीं करते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया "अप्रवासी ही हमें मजबूत बना रहे हैं, उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास ऐसे श्रमिकों की संख्या ज्यादा है, जो यहां रहना चाहते हैं और योगदान देना चाहते हैं."
व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि वह एक देश को मजबूत करने में अप्रवासियों के महत्व के बारे में अपेन विचार रख रहे थे. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि भारत और जापान के साथ अमेरिका के मजबूत संबंध हैं. उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी और साझेदार यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि राष्ट्रपति उनका कितना सम्मान करते हैं. अगर आप पिछले तीन सालों को देखें, तो (राष्ट्रपति ने) निश्चित रूप से उन राजनयिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया है,
व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन अमेरिकी लोगों के लिए अहम मुद्दों पर बात करने में हमेशा स्पष्ट रहते हैं. उन्होंने आगे दावा किया कि "हम अप्रवासियों का देश हैं, यह मायने रखता है." बता दें कि जो बाइडेन ने पिछले साल राजकीय यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की मेजबानी की थी. वहीं जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी अप्रैल में व्हाइट हाउस का दौरा किया था.
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Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा© Copyright NDTV Convergence Limited 2024. All rights reserved.