आज अमेरिका में नया राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान कराया जा रहा है. इस बार के चुनाव को अमेरिकी इतिहास का सबसे कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है. यह मुकाबला उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच है. हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं तो ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के. दोनों दल अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं. लेकिन यह भी संभव है कि मतदान खत्म होने के बाद कई दिन तक रिजल्ट का पता ही न चले.यह भी हो सकता है कि एक उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वी पर मामूली बढ़त बनाए हुए दिखाई दे. लेकिन बाद में वह रेस में पिछड़ जाए. आइए जानते हैं कि अमेरिकी चुनाव में ऐसा क्यों होता और चुनाव परिणाम कब तक आने की संभावना है.
आमतौर पर उम्मीद की जाती है कि चुनाव के अगले दिन ही परिणाम निकल आए. लेकिन कई बार ऐसा होता नहीं है. दरअसल होता यह है कि कई राज्यों में वोटों की गिनती अलग-अलग समय पर शुरू होती है. इस वजह से परिणाम आने में देरी होती है.हर राष्ट्रपति चुनाव की तरह, इस बार भी ऐसी संभावना है कि सात स्विंग स्टेट ही अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का फैसला करेंगे. ये राज्य छह से 11 दिसंबर के बीच चुनाव नतीजों को प्रमाणित करेंगे. इसके बाद 17 दिसंबर को निर्वाचक अपना आधिकारिक वोट डालने के लिए बैठक करेंगे.वोटों की गिनती और परिणामों की पुष्टि करने के लिए कांग्रेस का अधिवेशन कांग्रेस 6 जनवरी, 2025 को आयोजित किया जाएगा. परिणामों की घोषणा के बाद 20 जनवरी, 2025 को नए राष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाएगी.
राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम सात स्विंग राज्यों के परिणामों पर ही निर्भर करेगा. ये सात राज्य हैं,एरिजोना, पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना और विस्कॉन्सिन.चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में इन राज्यों में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप को मिलने वाले समर्थन में मामूली अंतर नजर आया. वहीं अगर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव की बात करें तो इनमें से एक को छोड़कर बाकी के छह राज्यों में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने बढ़त बनाई थी. लेकिन इस बार इनमें से कुछ राज्यों ने परिणामों की घोषणा में होने वाली देरी से बचने के लिए नए नियम बनाए हैं. लेकिन वोट डालने और गिनती के तरीकों में अंतर यह तय करेगा कि अंतिम परिणाम जल्दी आएगा या देरी से.
इस बार सात स्विंग स्टेट को दो समूहों में बांटा गया है. ये हैं- सन बेल्ट और रस्ट बेल्ट (इन्हें ब्लू वॉल स्टेट के रूप में भी जाना जाता है).सन बेल्ट में नेवादा (6 इलेक्टोरल वोट), एरिजोना (11इलेक्टोरल वोट), उत्तरी कैरोलिना (16 इलेक्टोरल वोट) और जॉर्जिया (16 इलेक्टोरल वोट) हैं. रस्ट बेल्ट स्टेट में विस्कॉन्सिन (10 इलेक्टोरल वोट), मिशिगन (15 इलेक्टोरल वोट) और पेंसिल्वेनिया (19 इलेक्टोरल वोट)हैं.
अमेरिका में मतदाता के पास वोट डालने के कई विकल्प मौजूद हैं. चुनाव के दिन डाले गए व्यक्तिगत वोटों की गिनती उसी दिन होती है. हालाँकि, कुछ स्टेट व्यक्तिगत रूप से मौजूद होकर समय से पहले ही वोट डालने और कुछ राज्य समय से पहले ईमेल से वोट डालने की भी सुविधा देते हैं. वहीं अलग-अलग राज्यों में अर्ली वोटिंग की अलग-अलग प्रक्रिया और नियम हैं. ये सब परिणाम घोषणा में लगने वाले समय को प्रभावित कर सकते हैं. कुछ राज्य चुनाव वाले दिन के बाद भी कुछ दिन तक विदेश से आने वाले उन मतपत्रों और सैन्य मतपत्रों को स्वीकार करेंगे,जिन पर 5 नवंबर तक का पोस्टमार्क लगा हुआ होगा.
डेमोक्रेटिक पार्टी के मतदाता आमतौर पर मेल वोटिंग को अधिक प्राथमिकता देते हैं. वहीं रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक मेल-इन वोटिंग में कम रुची लेते हैं, क्योंकि ट्रंप इस प्रणाली के मुखर आलोचक हैं. वो इसकी लगातार आलोचना करते आए हैं. वो इसे भ्रष्ट बताते हैं.लेकिन ट्रंप समर्थकों ने इस बार अर्ली वोटिंग में भी भाग लिया है. ट्रंप ने भी इस बार अपने वोटरों से कहा कि वो अपनी मर्जी के मुताबिक वोट करें.
मतगणना जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी,शुरुआती रुझान उलट भी सकते हैं.दरअसल 2020 में ऐसा ही हुआ था. इलेक्शन नाइट में शुरुआत में ट्रंप आगे चल रहे थे. लेकिन जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ी, डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन उनसे आगे बढ़ते गए. इसके बाद ट्रंप ने मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए वोटों की चोरी की बात करते हुए कहा था कि मतगणना में हुई देरी ही धोखाधड़ी का सबूत है.
अगर मतगणना में दोनों उम्मीदवारों को 269-269 इलेक्टोरल वोट मिलते हैं तो अमेरिकी संविधान के मुताबिक परिणाम का फैसला कांग्रेस करेगी.इस स्थिति में हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव राष्ट्रपति का चयन करेगी और सीनेट उपराष्ट्रपति का चयन करेगी. इलेक्टोरल कॉलेज में 269-269 वोटों की बराबरी असंभव जैसी स्थिति है.यह तब हो सकता है जब हैरिस को विस्कॉन्सिन, मिशिगन और पेंसिल्वेनिया जैसे प्रमुख राज्यों में जीत मिलती है और ट्रंप को जॉर्जिया, एरिजोना, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना और नेब्रास्का में एक कांग्रेस जिले में जीत हासिल कर लेते हैं तो हर उम्मीदवार को ठीक 269 इलेक्टोरल वोट मिलेंगे.
ये भी पढ़ें: अमेरिका में खालिस्तानी आतंकियों का काल बनेंगे ट्रंप... हिंदू संगठन के नेता ने क्या बताया
ट्रंप ने फ्लोरिडा की पूर्व अटॉर्नी जनरल बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया
Reported by: भाषाजिन्हें बनाया अमेरिका का नया शिक्षा मंत्री, उन्हीं के पति का ट्रंप ने दुनिया के सामने मुंडवा दिया सिर, देखें VIDEO
Edited by: शालिनी सेंगरTrump Tracker: ट्रंप की 'कैबिनेट पसंद' बनी पाकिस्तान की टेंशन, शरीफ सरकार की उड़ी 'नींद'
Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा© Copyright NDTV Convergence Limited 2024. All rights reserved.