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US Presidential Debate: ट्रंप और हैरिस के बीच बहस का महामुकाबला, जानें कब होगा शुरू और क्या हैं नियम

नई दिल्ली/वॉशिंगटन: 

अमेरिका में इस साल 5 नवंबर को राष्ट्रपति के चुनाव (US President Elections 2024) होने हैं. स्थानीय समयानुसार मंगलवार रात 9 बजे दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट होने जा रही है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और मौजूदा उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक की तरफ से नॉमिनी कमला हैरिस (Kamala Harris) इस डिबेट में आमने-सामने हैं. भारत के समय के हिसाब से इसे बुधवार सुबह 6:30 बजे से 8 बजे तक देखा जा सकता है. 

कहां देख पाएंगे दूसरा प्रेसिडेंशियल डिबेट?
दूसरी डिबेट का होस्ट ABC News मीडिया है. ABC फिलाडेल्फिया स्थित नेशनल कॉन्स्टिट्यूशनल सेंटर में यह डिबेट आयोजित कर रहा है.  ABC न्यूज के एंकर डेविड मुइर और लिन्से डेविस 90 मिनट की इस डिबेट के मॉडिरेटर हैं. इसे ABC न्यूज लाइव, डिज्नी+ और हुलु चैनलों पर स्ट्रीम किया जाएगा. इसके साथ ही CNN, CBS और CBS न्यूज 24/7 पर भी प्रेसिडेंशियल डिबेट की स्ट्रीमिंग की जाएगी. पब्लिक रेडियो स्टेशनंस पर भी इसका पॉडकास्ट होगा. 

पहली डिबेट को मीडिया नेटवर्क CNN ने अटलांटा में होस्ट किया था. यह स्पष्ट नहीं है कि हैरिस और ट्रंप दूसरी बार बहस करेंगे या नहीं. क्योंकि अभी तक तीसरी डिबेट के लिए किसी एडिशनल डेट की अनाउंसमेंट नहीं हुई है.

आइए जानते हैं यूएस प्रेसिडेंशियल डिबेट 2024 के लिए क्या-क्या है नियम? डिबेट में भाग लेने की क्या हैं योग्याएं:- 

क्या हैं डिबेट के नियम?
- ABC पर 90 मिनट की ये बहस लाइव होगी. इस बहस के दौरान स्टूडियो में कोई ऑडिएंस नहीं होंगे. ABC न्यूज के एंकर डेविड मुइर और लिन्से डेविस मॉडरेटर होंगे, जो ट्रंप-हैरिस से सवाल करेंगे. 

-पोडियम प्लेंसिग और ऑर्डर ऑफ क्लोजिंग स्टेटमेंट के लिए 3 सितंबर को वर्चुअली टॉस हुआ था. ट्रंप ने टॉस जीता और उन्होंने ऑर्डर ऑफ स्टेटमेंट का ऑप्शन चुना. कमला हैरिस ने पोडियम के राइट साइड पर खड़े होने का ऑप्शन चुना हैं. स्क्रीन पर वो लेफ्ट साइड दिखेंगी. 

-मॉडरेटर कैंडिडेट्स का परिचय कराएंगे. स्टेज के ओपोजिट साइड से ट्रंप और हैरिस एंट्री लेंगे. मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के कैंडिडेट को पहले बुलाया जाएगा. यानी कमला हैरिस स्टेज पर पहले एंट्री करेंगी.

-इस दौरान कोई ओपेनिंग स्टेटमेंट नहीं होगी. क्लोजिंग स्टेटमेंट के लिए भी हर कैंडिडेट को सिर्फ 2 मिनट मिलेंगे. दोनों लीडर खड़े होकर ये डिबेट करेंगे. इस दौरान वो अपने साथ नोट्स लेकर नहीं जा सकते.

-प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए किसी भी कैंडिडेट को पहले से कोई क्वेश्चन नहीं दिया जाएगा. उन्हें पोडियम पर ही एक पेन, एक पेपर और पानी की बोतल दी जाएगी.

-हर कैंडिडेट को सवाल का जवाब देने के लिए 2 मिनट मिलेंगे. किसी बात या आरोप पर सफाई देने या प्रतिक्रिया देने के लिए कोई एक्स्ट्रा टाइम नहीं मिलेगा.

-जब ट्रंप बोल रहे होंगे, तब कमला हैरिस के पोडियम का माइक्रोफोन ऑफ कर दिया जाएगा. जब कमला हैरिस की बारी आएगी, तब ट्रंप के साइड का माइक्रोफोन बंद रहेगा. दोनों नेताओं ने ही इसपर सहमति जताई है. डिबेट के दौरान कैंडिडेट एक-दूसरे से सवाल नहीं कर पाएंगे. 

-कमर्शियल ब्रेक्स के दौरान डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस के कैंपेन स्टाफ उनसे किसी भी तरह की कोई बात नहीं करेंगे. एक मॉडरेटर ये सुनिश्चित करेंगे कि एक शालीन बहस हो.

-फर्स्ट प्रेसिडेंशियल डिबेट में जर्नलिस्ट पैनल और ऑडिएंस भी होते थे. लेकिन डिस्टर्बेंस की वजह से पैनल और ऑडिएंस हटा दिए गए. 


प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए क्या हैं योग्यताएं?  
-प्रेसिडेंशियल डिबेट में भाग लेने के लिए कैंडिडेट को अमेरिका के संविधान के आर्टिकल II और सेक्शन I के तहत आने वाली सभी योग्यताएं पूरी करनी होंगी.

-कैंडिडेट को फेडरल इलेक्शन कमीशन में अपनी उम्मीदवारी का स्टेटमेंट फाइल करना होगा. प्रेसिडेंशियल डिबेट में हिस्सा लेने के लिए किसी कैंडिडेट को 4 स्वीकृत राष्ट्रीय चुनावों में कम से कम 15% समर्थन हासिल करना होता है. 

-इसके साथ ही इलेक्टोरल कॉलेज में 270 वोट जीतने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त राज्यों में समर्थन मिलना जरूरी होता है. 

-कैंडिडेट्स को डिबेट ऑर्गनाइज करने वाले मीडिया की शर्तें और डिबेट के फॉर्मेट पर सहमति देनी होगी.

डिबेट में किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा?
हालांकि, ABC ने सेकंड प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए सवालों की लिस्ट जारी नहीं की है. लेकिन कई इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बहस में कई मुद्दे हावी रह सकते हैं. दोनों कैंडिडेट के बीच इकोनॉमी, इमिग्रेशन, एबॉर्शन लॉ, 2020 के चुनाव में अपनी हार स्वीकार करने से ट्रंप के इनकार, फॉरिन पॉलिसी पर बहस हो सकती है. इसके साथ ही इजरायल-गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन जंग को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद हैं.

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, "डोनाल्ड ट्रंप का कैंपेन बढ़ती महंगाई को कम करने और इमिग्रेशन पॉलिसी पर जोर देने की उम्मीद करेगा. इन मुद्दों पर कमला हैरिस कमजोर हैं. जबकि हैरिस कैंपेन के लिए ट्रंप के कार्यालय में लिए गए फैसलों, एबॉर्शन लॉ पर बहस की जाएगी."

प्रेसिडेंशियल डिबेट में कौन तय करता है जीत-हार?
US प्रेसिडेंशियल डिबेट में कौन जीता और किसे हार मिली... ये तय करने के लिए 4 पैमाने होते हैं:-

-न्यूज चैनल और पॉलिटिकल एक्सपर्ट डिबेट के बाद अपनी राय देते हैं. वे कैंडिडेट के प्रदर्शन, जवाबों की एक्यूरेसी और बॉडी लैंग्वेज से बताते हैं कि डिबेट कौन जीता.
-न्यूज चैनल और सर्वे एजेंसियां डिबेट के बाद ओपिनियन पोल कराती हैं, जिसमें दर्शकों की राय पूछी जाती है.
-सोशल मीडिया भी हार-जीत का फैसला करने में मददगार होता है. यहां पर जनता के रिएक्शन से भी पता चलता है कि किसका पलड़ा भारी रहा.
-इसके अलावा वोटिंग इंटेंशन सर्वे कराती हैं. जो उम्मीदवार ज्यादा लोगों का मन बदलता है, वही विजेता होता है.
 


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