अमेरिका की सियासत की तस्वीर महज 6 दिन बाद बदल जाएगी. अमेरिका में 4 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections 2024) है. रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप या डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस, कौन बनेगा राष्ट्रपति, ये भी साफ हो जाएगा. हालांकि दोनों ही नेताओं के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है. ट्रंप और कमला हैरिस (Kamala Harris), दोनों ने ही चुनाव जीतने के लिए पूरा दम-खम लगा दिया है. लेकिन कमला हैरिस का दावा है कि वह बिल्कुल वैसी ही राष्ट्रपति बनेंगी, जैसा कि अमेरिका के लोगों ने सपना देखा है.
अमेरिका किसी महिला पर दांव खेलेगा या फिर एक बार फिर से पूर्व राष्ट्रपति और उनकी नीतियों पर विश्वास जताएगा, ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन कमला हैरिस का कहना है कि अमेरिका एक ऐसा राष्ट्रपति चाहता है तो यहां के लोगों को देखे, जो उनको अपनाए और जो उनके लिए खड़े होना और लड़ना जानता हो.
ग्राउंड लेवल पर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन को कवर करने वालों का कहना है कि वहां की महिलाएं कमला हैरिस को ट्रंप (US Presidential Elections 2024) के मुकाबले ज्यादा पसंद कर रही हैं. अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव की दिशा और दशा तय करने में ये फैक्टर अहम भूमिका निभा सकता है. यहां पर कई ऐसा मुद्दे हैं, जिन पर जनता की अलग-अलग राय है. इन मुद्दों पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार क्या सोचते हैं, ये भी अहम है. जैसे कि आव्रजन, प्रचार अभियान में एक अहम मुद्दा बना हुआ है. भारत समेत विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों के आप्रवासियों को डर है कि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अगर चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
दरअसल, ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान दिए भाषणों में राष्ट्रपति चुने जाने पर न सिर्फ वाशिंगटन की आव्रजन नीतियों को सख्त बनाने का वादा किया है, बल्कि अमेरिकी इतिहास में बिना दस्तावेज वाले आप्रवासियों का “सबसे बड़ा” घरेलू निर्वासन अभियान चलाने और मौजूदा शरणार्थी कार्यक्रमों की समीक्षा करने का संकल्प भी लिया है.
पूर्व राष्ट्रपति ने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों के बच्चों के लिए जन्मसिद्ध नागरिकता के प्रावधान को समाप्त करने का भी वादा किया है, जिससे भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान समेत विभिन्न देशों के आप्रवासियों की चिंताएं बढ़ गई हैं.
वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी अवैध आव्रजन को कम करने की जरूरत को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी आव्रजन प्रणाली चरमरा गई है. इसे दुरुस्त करने के लिए विधायी उपाय किए जाने की जरूरत है. ट्रंप ने एक चुनावी रैली में कमला हैरिस पर “आप्रवासी गिरोहों और अवैध विदेशी अपराधियों” को अमेरिका में लाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, “आप्रवासी गिरोहों को अमेरिका लाने की उनकी नीति हमारे देश के खिलाफ एक अपराध है.” इसी तरह से ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ही अमेरिका की जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.
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