US presidential election : अमेरिका में मौजूदा डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 5 नवंबर को चुनावी मुकाबला है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दुनिया भर में जिज्ञासा है क्योंकि इस बार के चुनाव में जबर्दस्त ध्रुवीकरण देखने को मिल रहा है और इसी बीच ट्रम्प की हत्या की कोशिश से चुनावी माहौल अधिक गर्म हो गया है. कई तीसरे पक्ष के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं.
पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप की हत्या का प्रयास किया गया. उन पर गोलियां चलाई गईं जिससे उनके कान में चोट लगी. अमेरिका में इससे पहले सन 1981 में तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की हत्या का प्रयास किया गया था.
गोलियां चलने के चंद क्षणों के बाद ट्रम्प अपनी मुट्ठी बांधकर जनसमूह से कहा था कि, “लड़ो..लड़ो..लड़ो..” इसके एक दिन बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एकता का आह्वान करते हुए कहा कि, “इस क्षण में यह पहले से कहीं अधिक जरूरी है कि हम एकजुट रहें.”
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने ओवल आफिस से राष्ट्र के नाम दिए गए संबोधन में लोगों से राजनीतिक बयानबाजी को शांत करने का आह्वान किया.
रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन 15 जुलाई को शुरू हो गया है जिसमें डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीदवारी के लिए उनका औपचारिक नामिनेशन होगा. करीब 70 वर्षों में अमेरिका में यह पहला राष्ट्रपति चुनाव होगा जिसमें मैदान में एक ऐसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति मौजूद हैं जिनको आपराधिक केस में दोषी ठहराया गया है. मैनहट्टन जूरी ने उन्हें 2016 के चुनाव से पहले एक पोर्न स्टार को चुप कराने के लिए राशि देने का तथ्य छिपाने के लिए दस्तावेजों को गलत साबित करने का दोषी पाया गया है. हालांकि ट्रंप का कहना है कि वे निर्दोष हैं और वे सजा के खिलाफ अपील करेंगे.
जो बाइडेन ने खुद को अमेरिका की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश की सबसे अच्छी उम्मीद के रूप में पेश किया है. उन्होंने कहा है कि ट्रम्प पागल हो गए हैं और देश के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं.
बाइडेन को डेमोक्रेटिक प्राइमरी में किसी गंभीर चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा. हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प के साथ पहले डिबेट में वे कमजोर पड़े. इससे कुछ डेमोक्रेट्स उनके पक्ष में नहीं हैं. हालांकि पार्टी उनका औपचारिक रूप से नामानेशन करने की तैयारी कर रही है.
बेस्टसेलिंग लेखिका और सेल्फ-हेल्प गुरु 72 वर्षीय मैरिएन विलियमसन ने 2024 के राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी फिर से पेश की है. उन्होंने "न्याय और प्रेम" पर ध्यान केंद्रित किया है. फरवरी में दिए गए एक बयान में उन्होंने कहा कि वे ट्रम्प की "अंधेरे और सत्तावादी दृष्टि" से लड़ने के लिए वापस आ रही हैं.
70 साल के रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर एक वैक्सीन का विरोध करने वाले कार्यकर्ता हैं और इनवायरांमेंट एडवोकेट हैं. वे डेमोक्रेटिक नामिनेशन के लिए बाइडेन को चुनौती देने के बाद स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. कैनेडी ट्रम्प और बाइडेन की वोटों में सेंध लगा सकते हैं. जून में किए गए सर्वे से पता चलता है कि उन्हें 10 प्रतिशत लोगों का समर्थन प्राप्त हो रहा है.
कॉर्नेल वेस्ट राजनीतिक कार्यकर्ता के साथ दार्शनिक और शिक्षाविद हैं. वे राष्ट्रपति पद के लिए तीसरे पक्ष के रूप में अपनी दावेदारी कर रहे हैं. वे प्रगतिशील और डेमोक्रेटिक झुकाव वाले वोटरों को आकर्षित कर सकते हैं. वेस्ट 71 साल के हैं. अक्टूबर में उन्होंने कहा था कि लोग "पक्षपातपूर्ण राजनीति से ज़्यादा अच्छी नीतियां चाहते हैं." पहले वे ग्रीन पार्टी से चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन बाद में उन्होंने खुद को स्वतंत्र उम्मीदवार घोषित कर दिया.
सन 2016 में ग्रीन पार्टी से चुनाव लड़ने वालीं डॉक्टर जिल स्टीन एक बार फिर चुनाव लड़ने की कोशिश में हैं. वे अपने चुनाव अभियान में डेमोक्रेट्स पर कामकाजी लोगों, युवाओं और जलवायु के मामलों में धोखा देने का आरोप लगाया है. 74 वर्षीय स्टीन ने ट्रम्प की 2016 की आश्चर्यजनक जीत के बाद पुनर्गणना के लिए लाखों डॉलर जुटाए थे. उनके आरोपों के बाद विस्कॉन्सिन में केवल एक चुनावी समीक्षा सामने आई जिसमें दिखाया गया था कि ट्रम्प की जीत हुई थी.
लिबर्टेरियन पार्टी ने मई के अंत में आयोजित अपने सम्मेलन में ट्रम्प और कैनेडी को आमंत्रित किया था, हालांकि उसने 38 साल की चेस ओलिवर को उम्मीदवार चुना. ओलिवर ने 2022 में जॉर्जिया स्टेट की सीनेट सीट का चुनाव लड़ा था और 2 फीसदी वोट हासिल किए थे.
यह भी पढ़ें -
पूरी दुनिया की निगाहें अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर : कब क्या होगा? जानिए पूरी टाइमलाइन
अमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियाकनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए
Edited by: श्वेता गुप्ताUSAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजन© Copyright NDTV Convergence Limited 2025. All rights reserved.