वीडियो कॉलिंग (Video Calling) के जरिए निकाह की एक क्लिप वायरल (Viral Video) हो रही है. कोरोनवायरस के प्रकोप के बीच, लोगों को सार्वजनिक सभाओं से बचने और अपने घरों को नहीं छोड़ने के लिए कहा गया है. बिहार (Bihar) में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान भी इस जोड़े ने शादी करने का एक नया तरीका खोजा. जिसको काफी पसंद किया जा रहा है. कपल ने टीवी पर एक दूसरे को देखकर तीन बार 'कुबूल है' कहा.
निकाह का वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्विटर पर शेयर किया है. कैप्शन में लिखा, "बिहार के पटना में एक जोड़े का 'निकाह' राज्य में तालाबंदी के बीच कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया.''
देखें Video:
#WATCH Bihar: 'Nikah' of a couple was performed through video conferencing in Patna yesterday, amid lockdown in the state due to #COVID19. pic.twitter.com/WtQaiZCuyH
— ANI (@ANI) March 24, 2020
वीडियो में बिहार के पटना में अलग-अलग जगहों पर बैठे दो लोगों को वीडियो कॉल के जरिए शादी करते दिखाया गया है. वीडियो में ध्यान से देखने पर पता चलेगा कि दीवार पर एक टीवी टंगी हुई है, जहां दूल्हे को देखा जा सकता है.
कुछ सेकंड के बाद, लोग एक-दूसरे से गले मिलने लगते हैं. लोग एक-दूसरे को मुबारक हो कह रहे हैं. फिर दुल्हन को टेलीविजन के सामने लाया जाता है और युगल शादी करने के बाद पहली बार एक-दूसरे को देखते हैं.
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Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदीकोविड-19 रोधी वैक्सीन 'कोविशील्ड' बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने खुद स्वीकार कर लिया है कि इसे लेने वाले लोगों में रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. द टेलीग्राफ (यूके) ने बताया कि ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं.
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.