ओडिशा के 27 वर्षीय एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि वह उसके माता-पिता को इस बात के लिए राजी करें कि अगले महीने होने वाली उसकी शादी में ‘अतिथियों का जमावड़ा' न हो. ओडिशा के ग्राम विकास रेजीडेंशियल स्कूल के रणनीतिकार और मीडिया समन्वयक रोहित कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि वह उनके परिवार को समझाएं क्योंकि परिवार उनका प्रशंसक है और उनकी बात मानता है.
कुमार की शादी अप्रैल के अंत में होने वाली है. उन्होंने कहा, ‘मैं अपने परिवार को यह मनाने की कोशिश कर रहा हूं कि वह बिना भीड़ जुटाए शादी संपन्न कराये लेकिन मेरा परिवार मेरी बात मान नहीं रहा है क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि एक महीने में चीजें सामान्य हो जाएगी, लेकिन मुझे डर है कि भले ही एक महीने में चीजें तुलनात्मक रूप से ठीक हो जाए लेकिन उस समय भी लोगों को जमा करना खतरा मोल लेना होगा.'
उन्होंने कहा कि वह इस पत्र को मीडिया में जारी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें आशंका है कि यह पत्र प्रधानमंत्री के पास किसी अन्य माध्यम से पहुंचने में दिक्कत होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देशभर में 21 दिन तक बंद यानी बुधवार से 14 अप्रैल तक की घोषणा की है.
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Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदीकोविड-19 रोधी वैक्सीन 'कोविशील्ड' बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने खुद स्वीकार कर लिया है कि इसे लेने वाले लोगों में रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. द टेलीग्राफ (यूके) ने बताया कि ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं.
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.