कोरोनावायरस का प्रकोप दिन पर दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार भी अपनी-अपनी तरफ से हर ठोस और बड़ा कदम उठा रही है. वहीं कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में ऊटी के छोटे से गांव के रहने वाले इस बच्चे ने लोगों को साफ सफाई का जो पाठ पढ़ाया वह देखकर बड़े से बड़े लोग भी हैरान हो जाएंगे. 20 सेकेंड के इस वीडियो में बच्चा जिस तरह से लोगों को हाथ धोने की सलाह दे रहा है वह काबिले तारीफ है.
गौरतलब है कि सरकारी निर्देशानुसार बार-बार यह कहा जा रहा है कि सतर्क रहें और कुछ-कुछ समय के बाद हाथ धोते रहें. लेकिन इस बच्चे ने जो हाथ धोने का सही तरीका लोगों को समझाया है, वह बेहद पसंद किया जा रहा है और देखते ही देखते यह सोशल मीडिया पर हीरो बन गया है.
Met this amazing kid in an interior village in Ooty who perfectly explained the hand washing technique to keep safe from the virus. So heartening to see this simple but most important message reaching even remote corners in the fight against #COVID19#Nilgiris#COVID2019indiapic.twitter.com/GN6U2nTOjX
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) March 18, 2020
बता दें कि वीडियो को IAS सुप्रिया साहू ने इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया है, ''मिलिए तमिलनाडु के ऊटी के छोटे से गांव के इस बच्चे से जिसने कोरोनावायरस से बचने के लिए हाथ धोने का सबसे सही तरीका बताया है. # COVID19 #Nilgiris #COVID2019india के खिलाफ लड़ाई को हमें देश के छोटे-छोट गांव तक पहुंचाना है.
स्वास्थ्य विभाग ने भी इस वीडियो में बच्चे के हाथ धोने के तरीका की तारीफ करते हुए कहा है कि हर व्यक्ति को इसी तरह से हाथ धोना चाहिए. बता दें कि इस वीडियो को 18 मार्च को ट्वीट किया गया था और अभी तक इसके 48k व्यूज, 223 रिट्वीट और 1k लाइक्स मिल चुके हैं.
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Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदीकोविड-19 रोधी वैक्सीन 'कोविशील्ड' बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने खुद स्वीकार कर लिया है कि इसे लेने वाले लोगों में रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. द टेलीग्राफ (यूके) ने बताया कि ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं.
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया.
सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.