• Home/
  • प्रधानमंत्री मोदी की मां ने कोरोना राहत के लिए बनाए गए 'PM केयर्स फंड' में दान दिए इतने रुपये

प्रधानमंत्री मोदी की मां ने कोरोना राहत के लिए बनाए गए 'PM केयर्स फंड' में दान दिए इतने रुपये

प्रधानमंत्री की मां ने 25 हजार रुपये कोरोना से लड़ाई के लिए दान दिए.
नई दिल्ली: 

कोरोनावायरस राहत के लिए बनाए गए 'PM केयर्स फंड' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने 25 हजार रुपये दान दिए.  प्रधानमंत्री मोदी की 98 वर्षीय मां हीराबेन गुजरात के गांधीनगर जिले के राइसीन गांव में अपने छोटो बेटे पंकज मोदी के साथ रहती हैं. इससे पहले इस महीने की शुरुआत में पीएम मोदी की 'जनता कर्फ्यू' की पहल को भी उन्होंने समर्थन दिया था. बता दें कि बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष' नामक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की जहां लोग कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की लड़ाई में मदद एवं योगदान दे सकते हैं. प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे.

PMO के बयान के अनुसार, 'कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चिंताजनक हालात जैसी किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या संकट से निपटने के लिये एक विशेष राष्ट्रीय कोष बनाने की आवश्यकता और इससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)' के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया है.' प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री शामिल हैं.

राहत कोष की जानकारी देते हुए मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष स्वस्थ भारत बनाने में काफी सहायक होगा.' उन्होंने कहा, 'कोविड-19 के खिलाफ भारत के युद्ध में सभी वर्गों से लोगों ने दान देने की इच्छा व्यक्त की थी.'  प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोष का गठन इसी भावना को ध्यान मे रखते हुए किया गया है. वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि ‘कोविड-19' की महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है और इसके साथ ही विश्‍व भर में करोड़ों लोगों की स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां उत्‍पन्‍न कर दी हैं. भारत में भी कोरोना वायरस फैलता जा रहा है और हमारे देश के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य एवं आर्थिक चुनौतियां उत्‍पन्‍न कर रहा है. 

(इनपुट: भाषा से भी)

Share this story on