चीन का खतरनाक वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) भारत पहुंच गया है. मीडिया रिपोर्ट में कुछ यही दावा किया जा रहा है. खबरों की मानें तो बेंगलुरु में 8 महीने का एक बच्चा एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाया गया है. बच्चे का ब्लड टेस्ट किये जाने के बाद ये दावा किया जा रहा है. यह भारत में एचएमपीवी वायरस का पहला मामला है. हालांकि, भारत में एचएमपीवी वायरस के मामले की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई. कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, यह वायरस वातावरण में पाया जाता है और यदि परीक्षण किया गया, तो लोग पॉजिटिव पाए जाएंगे, यह एक सामान्य वायरस है. फिलहाल इसकी कोई वैक्सीननहीं है, लेकिन इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं. 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में एचएमपीवी का पता चला था.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि एचएमपीवी वायरस चीन में हजारों लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. वहां हालात बेकाबू हो रहा हैं, अस्पतालों के बाहर मरीजों की भीड़ नजर आ रही है. हालांकि, चीन का कहना है कि मीडिया खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. ये मौसम बदलने का असर है. ठंड बढ़ने से आमतौर पर लोग खांसी-जुकाम की समस्या से जूझते हैं. ये भी मौसम की वजह से ही हो रहा है. चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर के अंत में चीनी सीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक 14 वर्ष और उससे कम आयु के मामलों में एचएमपीवी की पॉजिटिव दर में हाल ही में वृद्धि हुई है. एचएमपीवी वायरस से छोटे बच्चे, वृद्ध और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं.
कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद, चीन मौजूदा समय में नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है. कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि देश में वायरस तेजी से फैल रहा है. कुछ ने दावा किया कि अस्पताल और श्मशान घाटों पर भीड़ बढ़ रही है. ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड सहित कई वायरस फैल रहे हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एचएमपीवी मामलों में वृद्धि के कारण अचानक मृत्यु दर में चिंताजनक वृद्धि हुई है, तथा 40 से 80 वर्ष की आयु के लोग विशेष रूप से इससे प्रभावित हुए हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एसएआरएस-सीओवी-2 (कोविड-19) हैंडल से किए गए पोस्ट में कहा गया है, "चीन इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरसों का सामना कर रहा है, जिससे अस्पतालों और श्मशानों पर बोझ बढ़ गया है. अस्पतालों में बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है. बच्चों में निमोनिया बढ़ रहा है और 'व्हाइट लंग' के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं."
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने चार जनवरी को कहा था कि कर्नाटक में एचएमपीवी से संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है. आंध्र प्रदेश सरकार ने रविवार को इस संबंध में विज्ञप्ति जारी की थी. आंध्र प्रदेश की लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक के. पद्मावती ने कहा कि यह वायरस कोविड-19 की तरह ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. यह मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है. पद्मावती ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'आंध्र प्रदेश में एचएमपीवी का कोई मामला नहीं आया है. फिलहाल इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है.' निदेशक के अनुसार, एचएमपीवी से संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों को वायरस के संक्रमण का खतरा है. उन्होंने कहा कि यह बीमारी संक्रमित व्यक्तियों के खांसने, छींकने, छूने और हाथ मिलाने से भी फैल सकती है.
अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, एचएमपीवी से जुड़े सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग यूआन अस्पताल, कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के श्वसन और संक्रामक रोग विभाग के मुख्य चिकित्सक ली तोंगजेंग ने कहा कि एचएमपीवी दो लोगों के बीच श्वसन प्रणाली के माध्यम से फैल सकता है, और लोगों के बीच संपर्क जैसे कि हाथ मिलाना, या वायरस से दूषित किसी वस्तु को छूना आदि से फैल सकता है. इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि मास्क पहने, बार-बार हाथ धोएं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं. विशेषज्ञ एचएमपीवी के लिए एंटीवायरल का उपयोग करने से भी मना कर रहे हैं.
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