चीन में कहर मचा रहे कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी HMPV के मामले अब भारत में मिलने लगे हैं. देश में अब तक इसके 9 केस सामने आए हैं. नौंवा केस बुधवार को मुंबई में मिला है. यहां 6 महीने की बच्ची HMPV वायरस से संक्रमित पाई गई है. बच्ची 1 जनवरी से बीमार चल रही थी. खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन लेवल 84% तक गिरने की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था. हालांकि, अब वह ठीक है. इलाज के बाद उनकी स्थिति कंट्रोल में है. अब तक महाराष्ट्र में HMPV के 3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में 1-1 केस मिला है.
केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया है कि हमें समय-समय पर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस से संबंधित अपडेट देते रहना चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि भारत का निगरानी नेटवर्क सतर्क बना हुआ है. देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है.
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HMPV वायरस को लेकर कैसी है राज्यों की तैयारी?
-झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर HMPV के संदिग्धों की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है. रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) और जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को नोडल सेंटर बनाते हुए सैंपल की जांच की व्यवस्था की गई है.
-पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में HMPV के केस मिलने की वजह से एहतियाती तौर पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी स्क्रीनिंग शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सभी प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं.
-बिहार की राजधानी पटना में जिला प्रशासन ने लोगों से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया. जिला प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा, "लोगों को HMPV को फैलने से रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी स्वास्थ्य संबंधी सलाह का पालन करना चाहिए."
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-पटना के जिलाधिकारी (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने जिला सिविल सर्जन को मौसमी इन्फ्लूएंजा और HMPV समेत सांस रोगों से पीड़ित रोगियों के उचित इलाज के लिए अस्पतालों के बेहतर संचालन को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया.
-महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी HMPV के 2 मामले सामने आए. 13 और 7 साल की दो लड़कियों में यह लक्षण दिखाई दिए थे. राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, दो दिन तक लगातार बुखार रहने के बाद इन लड़कियों ने एक निजी लैब में जांच कराई. उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इनका घर पर ही इलाज किया गया. अधिकारियों ने कहा कि दोनों बच्चों की हालत स्थिर है.
-पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है. अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं.
- गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं. हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग को HMPV केसेस पर निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं.
HMPV वायरस क्या है?
HMPV एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है. इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है. ऐसा 3 से 5 दिन रह सकता है. इस दौरान नाक बह सकती है. गले में खराश हो सकती है. ठंड लगकर तेज बुखार आ सकता है.
बरतें ये सावधानियां
-साबुन से बार-बार हाथ धोइए.
-बिना धुले हाथों से अपनी आंखें, नाक या मुंह को छूने से बचना चाहिए.
-ऐसे लोगों के साथ संपर्क से बचना चाहिए, जिनमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हों.
-खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना जरूरी है.
-बुखार, खांसी और छींक आ रही है, तो पब्लिक कॉन्टैक्ट से दूर रहें.
-खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन खाएं.
-संक्रमण को कम करने के लिए सभी स्थानों पर बाहरी हवा के साथ पर्याप्त वेंटिलेशन का ख्याल रखिए.
-अगर आप बीमार हैं, तो घर पर रहें और दूसरों से संपर्क सीमित रखें.
-बीमार हैं तो लोगों से हाथ न मिलाएं. टिशू पेपर और रुमाल का इस्तेमाल करिए.
HMPV Outbreak: क्या आपके मेडिकल इंश्योरेंस में कवर होगा HMPV वायरस का इलाज, जानिए क्या हैं प्रावधान
क्या आपके हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होगा HMPV का इलाज?
इस बीमारी के फैलने की खबरें सुनने के बाद आप भी ये जरूर जानना चाहेंगे कि क्या इसका इलाज आपके हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होता है या नहीं. Onsurity की चीफ क्लेम ऑफिसर सुमन पाल ने कुछ वेबसाइट्स को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है. जिसके मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में HMPV का इलाज भी स्टेंडर्ड रेसपिरेटरी इलनेस के तहत ही कवर करती हैं. जिसमें हॉस्पिटल में भर्ती होने, पीसीआर और रेसपिरेटरी पैथोजन्स के टेस्ट के लिए डायग्नोस्टिक टेस्ट, आउट पेशेंट कंसल्टेशन और ट्रीटमेंट का खर्च शामिल है.
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