Coronavirus: मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की 82 वर्षीय श्रीमती सलभा उसकर अरिहंत विहार कॉलोनी में 600 स्क्वेयर फीट के मकान में रहती हैं. वे शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हैं. कोरोना वायरस महामारी के दौर में खुद को घर में बंद करने के साथ इन्होंने जो किया, वह इतना प्रेरित कर देने वाला है कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल महसूस होता है. इस दरियादिल अम्मा ने अपनी पेंशन में से एक लाख रुपये का दान मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया है. यह दरियादिली इतनी खामोशी से हुई कि अफसरों के हाथ में चेक पहुंचा तो वे भौंचक्के के रह गए.
सलभा उसकर ने नोडल अधिकारी विनय प्रकाश सिंह का अखबार में नंबर देखकर उन्हें कॉल किया कि वे कुछ दान करना चाहती हैं. विनय प्रकाश सिंह ने उन्हें घर पर रहने की सलाह देते हुए कहा कि वे किसी को भेजकर चैक कलेक्ट करवा लेंगे. जब उनके हाथ में चेक पहुंचा तो उनकी आंखें भीग गईं. लफ़्ज़ों को लकवा मार गया. आभार शब्द इतना बौना था कि उसे लफ्जों में पिरोना मुश्किल था.
अम्मा ने 10-20 हजार रुपये नहीं बल्कि पूरे 100000 रुपये अपनी पेंशन की राशि में से दान किए, बिना फोटो सेशन, बिना प्रदर्शन और बगैर तामझाम के, बेहद खामोशी से. मक़सद सिर्फ़.. संकट के समय में देश की और जरूरतमंदों की मदद.
दरअसल कोई देश इन जैसे संवेदनशील और ऊंची सोच वाले लोगों की बदौलत ही देश बनता है. सिर्फ 'मानवों का समूह' और संसाधन देश को परिभाषित नहीं करते, किसी देश को 'राष्ट्र' बनाते हैं वहां रहने वाले लोग... राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण, निष्ठा और त्याग. उन्हीं में से एक हैं यह "दरिया दिल अम्मा." इन्हें सलाम...लाखों बार सलाम.
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सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.
अधिकारियों ने कहा कि देश में संक्रमण के मामले बढ़ने और जेएन.1 उपस्वरूप के मामलों की पुष्टि होने के बावजूद तत्काल चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि अधिकतर संक्रमित मरीजों ने घर पर रहकर उपचार का विकल्प चुना है और उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष सुखदेव ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, "जिले में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश पाने के लिए एहतियाती कदमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया जाता है."