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मुसलमानों ने अपने गांव में हिंदू मजदूरों को रोका, भोजन के अलावा जरूरी सामान मुहैया कराया

सरावनी आरिफपुर में कोरोना फाइटर ग्रुप के लोग लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की मदद कर रहे हैं.
नई दिल्ली: 

सरावनी आरिफपुर (हापुड़) में आरिफपुर के कोरोना फाइटर ग्रुप के लोग बिहार के फंसे दस मजदूरों के राशन व देखभाल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. बीते दिनों बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के लॉकडाउन की वजह से फंसे दस मजदूरों को खाना राशन की पूरी व्यवस्था गांव के ही लोग कर रहे हैं. दरअसल बिहार के यह मजदूर सरावणी स्थित आइसक्रीम फैक्ट्री में सीजन के दिनों में काम करने के लिए आए थे. लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्री बंद हुई और यह लोग यहीं फंस गए. 

कृष्णकांत सिंह की पहल पर बने गांव के जुझारू और सेवाभावी युवकों शादाब, अमजद, वली मोहम्मद आदि ने इनके लिए एक खाली मकान उपलब्ध कराया. उसमें बिजली पानी की व्यवस्था दुरुस्त कराई अपने घरों से भोजन भिजवाया. फिर उन्होंने जिला पंचायत सदस्य कृष्णकांत सिंह से कहा तो वह उनके लिए राशन सब्जी और सभी जरूरी सामान लेकर पहुंच गए. यह सभी मजदूर हिन्दू हैं. 

मुस्लिम बाहुल्य गांव के लोग इनका पूरा ध्यान रख रहे हैं. मजदूर जगन्नाथ राम के अनुसार उन्हें जरा भी महसूस नहीं हो रहा कि वह अपने घर से दूर हैं. सरावणी का कोरोना फाइटर ग्रुप गांव के सभी गरीबों और जरूरतमंदों को खाने पीने के सामान से लेकर, साबुन, मास्क तक दे रहा है. वे गांव का सैनिटाइजेशन तक करवा रहे हैं. जिला पंचायत सदस्य गांव के दिहाड़ी मजदूरों जिनके पास काम न होने की वजह से पैसे नहीं हैं,  के लिए आवश्यक सामग्री जुटा कर वितरित कर रहे हैं. 

जिला पंचायत कृष्णकांत सिंह ने हर गांव में कोरोना फाइटर ग्रुप बनाया है जिसका काम वास्तविक जरूरतमंदों की मदद करना है. उनका कहना है कि लोगों का हाथ थामिए क्योंकि असुरक्षा के भाव से ही पलायन होता है. लोगों को अहसास कराइए कि आप अपने घर में हैं. 

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