अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने शुक्रवार को दावा किया कि कोविड -19 (Covid 19) के इलाज में उनकी गोली (Corona Tablet) अत्यधिक प्रभावी है. जिसे महामारी को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. दरअसल, महामारी की शुरुआत से ही घर पर कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस तरह की गोली की मांग की गई थी. जिसे बनाने में तमाम शोधकर्ता जुटे हैं. अब तक कोरोना का इलाज ड्रिप या इंजेक्शन के माध्यम से ही किया जा रहा है.
मर्क के बाद फाइजर दूसरी कोविड रोधी गोली है, जो वास्तव में एक इन्फ्लूएंजा दवा है. जिसे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रीब्रांड किया गया है. फाइजर ने इसे खासतौर पर कोविड से लड़ने के लिए ही बनाया है. अमेरिकी कंपनी ने कहा कि Paxlovid नामक फाइजर दवा नेअन्य बीमारी से ग्रस्त कोविड गंभीर रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के रिस्क में 89 प्रतिशत की कमी हासिल की है. अब तक किए गए क्लिनिकल परीक्षण के परिणाम इतने सटीक थे कि अब नए लोगों पर इसका परीक्षण नहीं किया जाएगा. फाइजर जल्द से जल्द खाद्य एवं औषधि प्रशासन को डेटा जमा करके आपातकालीन उपयोग की अनुमति के लिए आवेदन करेगी. फाइजर के प्रोडक्ट को "प्रोटीज इनहिबिटर" के रूप में जाना जाएगा.
चीन में कोरोना की कवरेज को लेकर जेल में कैद पत्रकार 'मौत की कगार' पर
फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौर्ला ने कहा कि आज की खबर इस महामारी की तबाही को रोकने के वैश्विक प्रयासों में एक वास्तविक गेम-चेंजर है. इन आंकड़ों से पता चलता है कि अगर रेगुलेटरी अथॉरिटी अनुमति देती है तो हमारी गोली रोगियों के जीवन को बचाने, कोविड -19 संक्रमण की गंभीरता को कम करने और 10 में से नौ मरीजों को अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या को कम करने की क्षमता रखती है.
डेटा का मुख्य विश्लेषण उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया में 1,219 नौजवानों की संख्या से किया गया है. शुरुआती लक्षण दिखने के तुरंत बाद पांच दिनों तक हर 12 घंटे में इनमें से कुछ को प्रायोगिक दवा दी गई और अन्य को सामान्य इलाज दिया गया.
फाइजर ने कहा कि निर्धारित अंतरिम विश्लेषण में लक्षण शुरू होने के तीन दिनों के भीतर इलाज किए गए रोगियों में सामान्य इलाज देने वालों की तुलना में कोविड -19 से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने या किसी भी कारण से मृत्यु के जोखिम में 89% की कमी देखी गई. सामान्य इलाज कराने वाले दस लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि फाइजर दवा लेने वालों में से किसी की जान नहीं गई. फाइजर ने 3,000 लोगों पर परीक्षण की योजना बनाई थी, लेकिन दावा के आशाजनक परिणामों को देखते हुए इसके 70 प्रतिशत लोगों पर ही रोक दिया गया.
इस राज्य में 24 घंटे में कोरोना का एक भी नया केस नहीं, किसी की मौत भी नहीं हुई
गुरुवार को ब्रिटेन एंटी-कोविड गोली को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है, क्योंकि इन्होंने हल्के लक्षण वाले रोगियों के लिए मर्क की एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर के उपयोग को अनुमति दे दी है. महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक ब्रिटेन ने 20 अक्टूबर को घोषणा की कि उसने मोलनुपिरवीर की 480,000 खुराक का ऑर्डर दिया है. अटलांटा के जॉर्जिया स्थित एमोरी विश्वविद्यालय की एक टीम द्वारा मर्क के मोलनुपिरवीर को शुरू में दो अन्य महत्वपूर्ण तीव्र श्वसन संक्रमण इन्फ्लूएंजा और रेस्पिरेट्री सिंकिटियल वायरस के अवरोधक के रूप में विकसित किया गया था.
फाइजर अपनी गोली के साथ दो अन्य क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है. पहला उन लोगों पर जिन्हें कोरोना नहीं है और दूसरा उन पर जो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए हैं कि क्या दवाई उन्हें बीमार होने से बचाती है. फाइजर और मर्क के अलावा स्विस की बड़ी फार्मा कंपनी रोश भी एक कोविड की गोली बनाने पर काम कर रही है.
कोवैक्सीन को WHO ने आपातकालीन उपयोग सूचीकरण का दर्जा दिया
Coronavirus से लड़ने के लिए नौसेना ने तैयार की ये स्पेशल गन, जानिए इसकी कीमत और खासियत
Reported by: राजीव रंजन, Edited by: राहुल सिंहCoronavirus: मध्य प्रदेश में लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ले रही 'भूतों' की मदद
Reported by: भाषालॉकडाउन में हुआ जुड़वां बच्चों का जन्म, माता-पिता ने बेटे का नाम रखा COVID, बेटी का Corona
Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदी© Copyright NDTV Convergence Limited 2025. All rights reserved.