क्वाड समूह (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका) के नेताओं ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए वित्त और मौजूदा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समन्वय को बढ़ाने समेत वैश्विक स्वास्थ्य (Global health) ढांचे को मजबूत करने का मंगलवार को संकल्प जताया. क्वाड देशों (Quad countries) ने पिछले साल 21 मार्च को अपनी पहली बैठक के दौरान 'क्वाड टीका साझेदारी' की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज द्वारा मंगलवार को बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि क्वाड देशों ने कोविड-19 से निपटने के लिए किए गए वैश्विक प्रयासों की अगुवाई की है और इसे जारी रखा जाएगा.
संयुक्त बयान के मुताबिक, वायरस को मात देने के मद्देनजर बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली और वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. बयान में कहा गया, ''वायरस के नये स्वरूप से निपटने और इसे मात देने के मद्देनजर हम अपने सामूहिक दृष्टिकोण को अपनाने का संकल्प लेते हैं. उच्च जोखिम वाले देश को टीका, परीक्षण, उपचार और अन्य चिकित्सा उपकरणों की सहायता दी जाएगी. ''बयान के मुताबिक, अब तक क्वाड साझेदारों ने संयुक्त रूप से कोवेक्स योजना के अंतर्गत करीब 5.2 अरब डॉलर का संकल्प जताया है जोकि सरकारी दानकर्ताओं का लगभग 40 फीसदी हिस्सा है.
बयान में कहा गया, ''हिंद-प्रशांत की 26.5 करोड़ समेत कोविड-रोधी टीके की करीब 67 करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए हमे गर्व है. कोविड-19 टीके की वैश्विक आपूर्ति में महत्वपूर्ण विस्तार के साथ हम सुरक्षित, प्रभावी, किफायती और गुणवत्तापूर्ण टीके साझा करना जारी रखेंगे, जहां भी और जब भी इनकी आवश्यकता होगी. ''क्वाड देशों ने क्वाड टीका साझेदारी के तहत भारत स्थित बायोलॉजिकल-ई में जे एंड जे टीके के उत्पादन की प्रगति का स्वागत किया और कहा कि ऐसे कदम कोविड-19 के अलावा भविष्य की महामारी से निपटने में मददगार साबित होंगे.
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Reported by: भाषा, Written by: मोहित चतुर्वेदीसन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.
अधिकारियों ने कहा कि देश में संक्रमण के मामले बढ़ने और जेएन.1 उपस्वरूप के मामलों की पुष्टि होने के बावजूद तत्काल चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि अधिकतर संक्रमित मरीजों ने घर पर रहकर उपचार का विकल्प चुना है और उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष सुखदेव ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, "जिले में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश पाने के लिए एहतियाती कदमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया जाता है."
अब तक दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के जेएन.1 सब-वैरिएंट के मामले सामने आये हैं.