कर्नाटक के रामनगर जिले के प्रभारी मंत्री सी एन अश्वत्थ नारायण ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर रामदेवराबेट्टा में एक मंदिर बनाने के लिए विकास समिति गठित करने का आग्रह किया है.
"मार्ग एक बार तैयार होने के बाद मंदिर में और अधिक आगंतुकों को आकर्षित करने में मदद करेगा. राम जन्मभूमि पथ मार्ग न केवल भक्तों का समय बचाएगा, बल्कि उन्हें दर्शन करने में भी सुविधाजनक होगा."
अयोध्या में यह छठा मौका है जब दीपोत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा है. पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे. राम की पैड़ी में 22,000 से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा 15 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे. अधिकारी ने कहा कि बाकी दीयों को महत्वपूर्ण चौराहों और स्थानों पर जलाया जायेगा .
राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और इसके दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाने का अनुमान है. मंदिर में जनवरी 2024 (मकर संक्राति) तक भगवान राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की संभावना है.
राम मंदिर : साइट इंजीनियरों के अनुसार 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और मंदिर की पहली मंजिल मार्च 2024 तक तैयार हो जाएगी.
हाल ही में कांग्रेस (Congress) छोड़ने वाले गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने मंगलवार को "हिंदुओं और भगवान राम" के खिलाफ अपमानजनक और घृणित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला किया. पटेल ने गुजरात कांग्रेस के एक पूर्व अध्यक्ष की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया, जिन्होंने कथित तौर पर कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए इस्तेमाल की जा रही ईंटों पर कुत्ते पेशाब करते हैं.
अमित शाह ने कहा, "समाजवादी पार्टी सपना देख रही है कि वह उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता में आएगी और वे राम जन्मभूमि पर चल रहे कार्यों को रोक देंगे. अखिलेश जी, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को कोई नहीं रोक सकता.'
इस मामले पर कांग्रेस ने यह आरोप लगाया था कि बीजेपी के कई नेताओं और उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीनों को औने-पौने दाम पर खरीदा है.
रामलला के गर्भगृह को सूर्य की किरणों से प्रकाशमय करने की तैयारी है और इसके लिये ओडिशा के कोणार्क मंदिर जैसी विशिष्ट तकनीक को अपनाने पर विचार किया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने ‘‘भाषा’’ को बताया, ‘‘भगवान राम के मंदिर में प्रत्येक रामनवमी पर गर्भगृह में सूर्य की किरणें रामलला को सुशोभित करें, ऐसे एक प्रस्ताव पर काम चल रहा है.’’ उन्होंने बताया कि राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा स्थापित की जायेगी और प्रत्येक रामनवमी पर गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा तक सूर्य की किरणें सीधे पहुंचे इसके लिये कुछ प्रारूपों (मॉडल) पर वैज्ञानिकों, खगोल शास्त्रियों तथा तकनीकीविदों से परामर्श चल रहा है.