प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 22 जनवरी, 2024 को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पहले ही आमंत्रित किया जा चुका है. ट्रस्ट ने 3000 वीवीआईपी सहित 7,000 लोगों को आमंत्रण भेजा है. कार्यक्रम में 1992 में मारे गए कारसेवकों के परिवारों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह और अपर मुख्य सचिव एस पी गोयल ने भी रामलला एवं हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हजारों श्रद्धालुओं के साथ 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ‘टेंट सिटी’ का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें 80 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी.
गोपीनाथ ने कहा, ‘‘जब मेरे परिवार को पता चला कि मैं यहां मंदिर में काम करूंगा तो उन्होंने इस पर खुशी व्यक्त की क्योंकि केवल कुछ भाग्यशाली लोगों को ही राम मंदिर निर्माण का हिस्सा बनने का मौका मिलता है.
एक विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव रहे मिश्रा ने यह भी कहा कि श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अगले वर्ष 22 जनवरी को होगी और 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे जुड़े अनुष्ठान में सम्मिलित होंगे.
मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने संतों से मिलकर उन्हें मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी दी और उन्हें मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का न्योता भी दिया.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये दान करने के बाद प्रसिद्धि पाने वाले महंत कनक बिहारी महाराज (85) और उनके अनुयायी विमल बाबू वर्मा की सांगरी गांव में हुए सड़क हादसे में मृत्यु हो गई.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदि का निर्माण कार्य जारी है. महाराष्ट्र के चन्द्रपुर जिले से पूजा और सैकड़ों कलाकारों की प्रस्तुति के बाद उच्च गुणवत्ता वाली सागौन की लड़की की एक खेप ने अयोध्या के राम मंदिर के लिए अपनी यात्रा शुरू की है.
राम जन्मभूमि में ट्रस्ट के कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि मंदिर नियत तारीख से तीन महीने पहले पूरा हो जाएगा इसलिए अब हमने दिसंबर 2023 के बजाय इसे पूरा करने के लिए सितंबर 2023 तक की समय सीमा निर्धारित की है.’’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी सहायक ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री इस महीने के अंत में राज्य विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने के बाद अयोध्या जाएंगे. उन्होंने बताया कि शिंदे 25 मार्च को खत्म हो रहे बजट सत्र के बाद अयोध्या जाएंगे.