एलन मस्क की अगुवाई वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने भारत में मतदान बढ़ानेके लिए दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये यानि की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद्द करने का फैसला किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले का बचाव करते हुए सवाल किया कि इस पहल के लिए अमेरिकी करदाताओं के पैसे का उपयोग क्यों किया गया. ट्रंप ने कहा, "हम भारत को 1 अरब 80 करोड़ क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है. वे दुनिया में सबसे ज़्यादा कर लगाने वाले देशों में से एक हैं; हम मुश्किल से ही वहां एंट्री कर सकते हैं क्योंकि टैरिफ बहुत ज़्यादा हैं. मैं भारत और उनके पीएम का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मतदान के लिए अमेरिका भारत को पैसा क्यों दे रहा है?"
USAID यानि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट की स्थापना 1961 में हुई. राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी का ये बड़ा फैसला था. साल 1998 में इसे कार्यकारी एजेंसी का दर्जा मिला. जिसने अमेरिकी सरकार की मानवीय विभाग के रूप में काम किया. इसका मकसद गरीबी, बीमारी अकाल, आपदाओं में मदद करना है. इसके लिए गैर-सरकारी संगठनों को मदद कराई जाती है. वहीं स्वतंत्र मीडिया को बढ़ावा देने का दावा भी किया जाता है. साथ ही लोकतंत्र निर्माण विकास में मदद की जाती है. हालांकि खुद जमीन पर कोई काम नहीं किया. दूसरे संगठनों से समझौता कर उन्हें फंडिंग दी जाती है.
अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिकी सरकार कार्यदक्षता विभाग (डीओजीई) ने ‘‘भारत में चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने'' के लिए आवंटित 1 अरब 80 करोड़ सहित व्यय में सिलसिलेवार कटौतियों की घोषणा की है. बीजेपी ने अब रद्द की गई फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप करार दिया है. बीजेपी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने अपने बयान में कहा, "मतदाताओं के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे फ़ायदा होगा? यकीनी तौर से सत्तारूढ़ पार्टी को तो नहीं!"
मालवीय ने अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस का नाम भी लिया, जिन पर दुनिया भर के दक्षिणपंथी राजनीतिक हस्तियों ने अपने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से घरेलू राजनीति को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. मालवीय ने दावा किया, "एक बार फिर, यह जॉर्ज सोरोस हैं, जो कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के जाने-माने सहयोगी हैं, जिनकी परछाई हमारी चुनावी प्रक्रिया पर मंडरा रही है." उन्होंने दावा किया कि अब रद्द कर दिया गया यह कार्यक्रम कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की ओर इशारा करता है, जिसने भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को भारतीय संस्थानों में घुसपैठ करने में कथित तौर पर मदद की थी.
अनुदान में कटौती से जुड़ा यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ मस्क से भी बातचीत की थी. मस्क की घोषणा से पहले एजेंसी की वेबसाइट बंद कर दी गई. बाद में, ट्रंप द्वारा नामित एक न्यायाधीश ने एक अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश की घोषणा की जो राष्ट्रपति और विभाग को 2,200 कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेजने से रोकता है.
USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनबाइडन का दर्द-ए-दिल, मैं ट्रंप को पक्का हरा देता लेकिन...
Edited by: तिलकराजमुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एलन मस्क को दिया जवाब, कहा, भारत में हैक नहीं की जा सकती है EVM
Reported by: अश्वनी कुमार सिंहUSAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.