मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जिस वर्ष राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हुए और उसके बाद व्हाइट हाउस में अपने पहले वर्ष के दौरान उन्होंने संघीय आयकर के तौर पर महज 750 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया. खबर में यह भी दावा किया गया कि उन्होंने और उनकी कंपनियों ने भारत में 2017 के दौरान 1,45,400 अमेरिकी डॉलर की रकम कर के रूप में चुकाई. ट्रंप 2016 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में रिपब्लिकन उम्मीदवार के तौर पर शामिल हुए थे और उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन पर चौंकाने वाली जीत हासिल की थी.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रविवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक, “डोनाल्ड ट्रंप ने जिस वर्ष राष्ट्रपति चुनाव जीता उस वर्ष 750 अमेरिकी डॉलर संघीय आयकर के तौर पर अदा किये. व्हाइट हाउस में अपने कार्यकाल के पहले वर्ष के दौरान उन्होंने 750 अमेरिकी डॉलर आयकर के तौर पर चुकाए.” अखबार ने उनके बीते 20 सालों के कर भुगतान के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद यह जानकारी दी.
यह खुलासा उस अहम मौके से ठीक पहले हुआ है जब मंगलवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच बहस (Presidential Debate) होनी है और कुछ हफ्तों बाद ही तीन नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिये डेमोक्रेटिक जो बाइडेन के साथ उनका निर्णायक मुकाबला होना है.
खबर में कहा गया कि ट्रंप ने पिछले 15 वर्षों में से 10 वर्षों तक कोई आयकर अदा नहीं किया क्योंकि ट्रंप ने दिखाया कि इस दौरान कमाई से कहीं ज्यादा उन्हें नुकसान हुआ था. व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने इस खबर को “फेक न्यूज” (गलत खबर) बताकर खारिज किया था.
कानून के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति को अपनी व्यक्तिगत आय का विवरण जारी करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन रिचर्ड निक्सन के बाद से सभी ने इसे सार्वजनिक किया है. अपने आयकर भुगतान को बेहद गोपनीय रखने वाले ट्रंप आधुनिक समय में एकमात्र राष्ट्रपति हैं जो इन्हें सार्वजनिक नहीं करते. ट्रंप ने वास्तव में उनके आयकर रिटर्न की जानकारी चाहने वालों को अदालत में चुनौती दी थी, इनमें अमेरिकी सदन भी शामिल है जो संसदीय निगरानी के हिस्से के तौर पर ट्रंप के आयकर रिटर्न से जुड़ी जानकारी चाहता था.
न्यूयॉर्क टाइम्स की अन्वेषणात्मक खबर के मुताबिक ट्रंप ने कर संबंधी विवरण को गोपनीय रखने के लिये काफी लंबी लड़ाई लड़ी है जो उनके पूर्व में अमेरिकी जनता के समक्ष दिये उस बयान से मूल रूप से अलग है जिसमें उन्होंने विवरण देने की बात कही थी.
खबर के मुताबिक, “आईआरएस (आंतरिक राजस्व सेवा) को दी जाने वाली उनकी रिपोर्ट उन्हें एक कारोबारी के तौर पर दिखाती है जो प्रतिवर्ष लाखों डॉलर लेता है और भारी नुकसान की बात करता है जिससे वह कर देने से खुद को बचा सके. अब बढ़ती वित्तीय चुनौतियों के साथ आंकड़े दिखाते हैं कि उन कारोबार से अधिक से अधिक धन कमाने पर निर्भर हैं जो उन्हें ज्यादा संभावना से भरे नजर आते हैं हालांकि इससे अक्सर राष्ट्रपति के तौर पर उनके हितों का प्रत्यक्ष टकराव होता दिखता है.”
खबर में खुलासा किया गया है कि व्हाइट हाउस में अपने पहले दो सालों के दौरान ट्रंप को विदेशों से कुल 7.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ, जिनमें से अधिकतर स्कॉटलैंड और आयरलैंड में उनकी गोल्फ संपत्तियों से हुई आय है. फिलीपींस, भारत और तुर्की में लाइसेंसी देने संबंधी सौदों से भी उन्हें क्रमश: 30 लाख, 23 लाख और 10 लाख अमेरिकी डॉलर का राजस्व मिला.
खबर के मुताबिक, “उन्होंने अपने कई विदेशी उपक्रमों के बदले भी कर का भुगतान किया. वर्ष 2017 में राष्ट्रपति ने अमेरिकी सरकार को महज 750 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया जबकि इसी दौरान उन्होंने या उनकी कंपनियों ने पनामा में 15,598 अमेरिकी डॉलर, भारत में 1,45,400 अमेरिकी डॉलर और फिलीपींस में 1,56,824 अमेरिकी डॉलर कर के तौर पर चुकाए.”
इस बीच व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने रविवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर को “बिल्कुल गलत खबर” करार देते हुए दावा किया कि मीडिया घराने ने पहले भी यही चीज करने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, “यह गलत खबर है. यह पूरी तरह गलत खबर है. बनाई हुई है. हम ऐसी ही खबरें पहले भी देख चुके हैं. आप चार साल पहले भी मुझसे यही सवाल पूछ सकते थे. मुझे इस पर मुकदमा करना चाहिए था और इस बारे में बात करनी चाहिए थी.”
ट्रंप ने कहा, “मैंने कर अदा किया है…आप मेरा टैक्स रिटर्न आते ही इसे देखेंगे- फिलहाल इसका अभी आकलन चल रहा है. वे बीते कुछ समय से आकलन हो रहा है.” एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कर के तौर पर काफी रकम का भुगतान किया है.
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