अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए पिछले साल हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की शानदार जीत हुई, वह 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करेंगे. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जो बाइडेन को खराब सेहत के चलते पीछे हटना पड़ा था, उनकी जगह डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप का सामना कमला हैरिस नहीं कर पाईं. अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि वह नवंबर में हुए चुनावों में ट्रंप को हरा सकते थे, लेकिन उन्होंने डेमोक्रिटिक पार्टी की एकजुटता की खातिर चुनाव के बीच उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया.
जो बाइडेन से शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछा गया, राष्ट्रपति महोदय, क्या आपको चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर खेद है? क्या आपको लगता है कि आपने अपने पूर्ववर्ती (ट्रंप) को अपना उत्तराधिकारी बनने का आसान मौका दिया? इस सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता, मुझे लगता है कि मैं ट्रंप को हरा देता, हरा सकता था. मुझे लगता है कि कमला (हैरिस) ट्रंप को हरा सकती थीं. लेकिन पार्टी को एकजुट करना महत्वपूर्ण है और जब पार्टी इस बात को लेकर चिंतित थी कि मैं आगे बढ़ पाऊंगा या नहीं, तो मैंने सोचा कि पार्टी को एकजुट करना बेहतर होगा. हालांकि, मुझे लगा था कि मैं फिर से जीत सकता हूं.'
जून में अटलांटा में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट' में बाइडेन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था. बाइडेन की जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था. हालांकि उन्हें ट्रंप के हाथों हार का सामना करना पड़ा. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाइडेन ने कहा, कमला हैरिस फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकती हैं. मुझे लगता है कि यह एक ऐसा निर्णय है, जिसके बारे में वह सोच सकती हैं. वह चार साल बाद फिर से चुनाव लड़ने के लिए सक्षम हैं. यह निर्णय उन्हें ही लेना होगा.'
मीडिया ने इस दौरान बाइडेन से पूछा गया, क्या आप राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी सक्रिय रहने की योजना बना रहे हैं, या आप बुश मॉडल को फॉलो करने जा रहे हैं, जहां आप लोगों की नजरों से ओझल रहेंगे? इसका जवाब देते हुए बाइडन ने कहा, 'मैं न तो नजरों से ओझल होऊंगा और न ही दिलों से.' डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता बाइडन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद छोड़ देंगे. उनकी जगह डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. रिपब्लिकन पार्टी के ट्रंप बाइडन से पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं.
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USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनUSAID पर घमासान, ट्रंप ने कहा-'भारत के पास बहुत पैसा, हम 1.8 अरब क्यों दे रहे हैं?'
Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष जयजानमुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एलन मस्क को दिया जवाब, कहा, भारत में हैक नहीं की जा सकती है EVM
Reported by: अश्वनी कुमार सिंहUSAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.