3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले कोरोनावायरस की वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) आ जाने के वादे कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की आशाओं को बड़ा झटका लग सकता है. अमेरिकी बायोटेक फर्म Moderna ने इशारे दिए हैं कि उसकी वैक्सीन 25 नवंबर से पहले नहीं आ पाएगी. कंपनी के सीईओ ने बुधवार को Financial Times से कहा कि कंपनी 25 नवंबर से पहले अपनी कोरोनावायरस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अप्लाई नहीं करेगी.
सीईओ स्टेफान बैंसेल ने कहा कि 'EUA (Emergency Use Authorization) के तहत पेश करने के लिए 25 नवंबर तक हमारे पास जरूरत के हिसाब से सेफ्टी डेटा उपलब्ध होगा, जो हम FDA (Food and Drug Administration) के पास भेजेंगे. अगर सेफ्टी डेटा अच्छा होगा तो वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होगी.'
कोविड-19 की स्थिति को जिस तरह ट्रंप प्रशासन ने संभाला है, उसकी काफी आलोचना हो रही है और ट्रंप के समर्थन में भी कमी आई है, ऐसे में चुनाव के पहले अपने कैंपेन को वैक्सीन का डोज़ देना चाहते हैं, वो बार-बार कहते रहे हैं कि चुनाव से पहले बाजार में वैक्सीन आ जाएगी, लेकिन कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं आई है.
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हालांकि, ट्रंप के दावों से विशेषज्ञों के बीच यह डर पैदा हो गया है कि उनका प्रशासन राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वैक्सीन की नियामक प्रक्रियाओं में दखल डाल सकता है.
मोडर्ना की वैक्सीन अपने फाइनल स्टेज में है. ऐसी ही 11 और वैक्सीन्स हैं जिनका आखिरी ट्रायल चल रहा है. बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनी Pfizer भी एक वैक्सीन डेवलप कर रही है. कंपनी के सीईओ एल्बर्ट बूर्ला ने कहा है कि कंपनी को अक्टूबर में ही पता चल जाएगा कि उसकी वैक्सीन कारगर है या नहीं. बहुत से एक्सपर्ट कंपनी के इस दावे को लेकर आश्वस्त नहीं हैं. उनका मानना है कि अभी जो ट्रायल चल रहे हैं उनसे वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए इतने वक्त में पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं पाएगा.
Video: कोरोना वैक्सीन तैयार होने के बाद किस तरह जन-जन तक पहुंचेगी
USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनUSAID पर घमासान, ट्रंप ने कहा-'भारत के पास बहुत पैसा, हम 1.8 अरब क्यों दे रहे हैं?'
Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष जयजानबाइडन का दर्द-ए-दिल, मैं ट्रंप को पक्का हरा देता लेकिन...
Edited by: तिलकराजUSAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.