अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में नतीजों के आने का दौर जारी है. अभी तक आए रुझानों में डोनाल्ड ट्रंप बड़ी बढ़त बना चुके हैं. हालांकि ये अभी शुरुआती रुझान बताए जा रहे हैं कि और कहा जा रहा है कि ये आकंड़े मतों की गणना के आगे बढ़ने के साथ-साथ बदल भी सकते हैं. इस अमेरिकी चुनाव में भी निर्वाचन मंडल की अहम भूमिका है. आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति का चुनाव जनता सीधे तौर पर नहीं करती है. अमेरिकी चुनाव जनता एक निर्वाचक मंडल का चुनाव करता है. अमेरिका की राष्ट्रीय व्यवस्थापिका यानी कांग्रेस में जितने सदस्य होते हैं. उतने ही निर्वाचक मंडल के सदस्य चुने जाते हैं.
अमेरिका के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) पर कौन बैठेगा, इसका फैसला एक निर्वाचक मंडल करती है. जिसमें 538 सदस्य होते हैं. ये सदस्य अमेरिका के 50 राज्यों से चुनकर आते हैं. हर प्रांत के लिए निर्वाचक मंडल के सदस्यों की एक खास संख्या आवंटित की जाती है, जिसका फैसला उस प्रांत के सांसदों के आधार पर होता है. संसद के दोनों सदनों प्रतिनिधि सभा और सीनेट में किसी प्रांत के जितने सदस्य होते हैं, उतने ही उसके निर्वाचक मंडल में सदस्य होते हैं. प्रतिनिधि सभा में किसी प्रांत के सदस्यों की संख्या उसकी कुल आबादी के आधार पर तय की जाती है. जबकि सीनेट में हर प्रांत के दो सदस्य तय हैं.
एक उदाहरण की मदद से हम इसे समझने की कोशिश करें तो मानकर चलें कि न्यूयॉर्क प्रांत के प्रतिनिधि सभा में 27 और सीनेट में दो सदस्य हैं. निर्वाचक मंडली के 29 सदस्यों के लिए न्यूयॉर्क की रिपब्लिकन और डेमोक्रैंटिक पार्टियां 29 उम्मीदवारों को ही मनोनीत करेंगी. इस प्रकार निर्वाचक मंडल के लिए कुल 538 सदस्य चुने जाते हैं.
हर राज्य में चुनावी वोटों की संख्या, मोटे तौर पर उसकी जनसंख्या के आकार के अनुरूप होती है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में सबसे अधिक 54 मामले हैं. जबकि व्योमिंग, अलास्का, नॉर्थ डकोटा और अलास्का जैसे कम आबादी वाले कुछ राज्यों में सबसे कम तीन मामले हैं. राज्य अपने सभी निर्वाचक मंडल के वोट उस व्यक्ति को दे देते हैं जो राज्य के सामान्य मतदाताओं के मतों के आधार पर मतदान जीतता है. राष्ट्रपति पद का जो उम्मीदवार 538 निर्वाचकों में से 270 स्थान प्राप्त कर लेता है ,उसे राष्ट्रपति पद पाने की उम्मीद हो जाती है. आपको बता दें कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता निर्वाचक मंडल का चुनाव लड़ते हैं. खास बात ये है कि अमेरिकी संविधान में निर्वाचक मंडल के उम्मीदवारों के मनोनयन की कोई विशेष प्रक्रिया का उल्लेख नहीं किया गया है.
अमेरिका में H1B वीजा पर क्यों भिड़े हैं राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक, किस देश को होता है फायदा
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Reported by: NDTV इंडियाअमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो सामने आ रहा है, जिसमें ट्रंप दुनिया के सामने रेसलिंग रिंग में विंस का हेड शेव करते नजर आ रहे हैं.
सीनेटर मार्को रुबियो को अगले अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने भारत का समर्थन करने वाला एक विधेयक पेश किया था, जिससे रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना मुख्यालय में खतरे की घंटी बज गई थी.
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