अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2024) को लेकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) के बीच कुछ ही देर में प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू होने जा रही है. इस डिबेट को लेकर अमेरिका के साथ ही दुनिया के तमाम बड़े देशों की नजर है. यह डिबेट फिलाडेल्फिया स्थित नेशनल कॉन्स्टिट्यूशनल सेंटर में होगी. इसे ABC News मीडिया होस्ट कर रहा है. इस बहस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच इकोनॉमी, इमिग्रेशन, एबॉर्शन लॉ और फॉरिन पॉलिसी जैसे मुद्दे छाए रह सकते हैं. साथ ही इजरायल-गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन जंग के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है. दोनों कैंडिडेट 90 मिनट तक लाइव बहस करेंगे.
इस बहस के दौरान स्टूडियो में ऑडिएंस नहीं होंगे. इसे ABC न्यूज के एंकर डेविड मुइर और लिन्से डेविस मॉडरेट करेंगे, जो दोनों कैंडिडेट से सवाल करेंगे. इस बहस के दौरान पोडियम प्लेंसिग और ऑर्डर ऑफ क्लोजिंग स्टेटमेंट के लिए 3 सितंबर को वर्चुअली टॉस किया गया था, जिसमें ट्रंप ने बाजी मारी थी और उन्होंने ऑर्डर ऑफ स्टेटमेंट के ऑप्शन का चुनाव किया था. कमला हैरिस ने पोडियम के दांई ओर खड़े होने का ऑप्शन चुना हैं, हालांकि स्क्रीन पर वो बाएं ओर दिखेंगी.
बहस की शुरुआत में मॉडरेटर कैंडिडेट्स का परिचय कराएंगे. इसके बाद स्टेज पर ट्रंप और हैरिस एंट्री लेंगे. मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के कैंडिडेट को पहले बुलाया जाएगा यानी कमला हैरिस स्टेज पर पहले एंट्री करेंगी. इस दौरान कोई ओपेनिंग स्टेटमेंट नहीं होगी. क्लोजिंग स्टेटमेंट के लिए भी हर कैंडिडेट को सिर्फ 2 मिनट मिलेंगे. दोनों लीडर खड़े होकर ये डिबेट करेंगे. खास बात है कि इस दौरान वो अपने साथ नोट्स लेकर नहीं जा सकते.
डिबेट से पहले कैंडिडेट को कोई सवाल नहीं दिया जाएगा. उन्हें पोडियम पर ही एक पेन, एक पेपर और पानी की बोतल दी जाएगी. वहीं किसी बात या आरोप पर सफाई देने या प्रतिक्रिया देने के लिए कोई एक्स्ट्रा टाइम नहीं मिलेगा.
ट्रंप के बोलते वक्त कमला हैरिस के पोडियम का माइक्रोफोन ऑफ होगा और जब कमला हैरिस की बारी आएगी तो ट्रंप के पोडियम का माइक्रोफोन बंद कर दिया जाएगा. दोनों नेताओं ने इसे लेकर अपनी सहमति दी है. डिबेट के दौरान कैंडिडेट एक-दूसरे से सवाल नहीं कर पाएंगे.
कमर्शियल ब्रेक्स के दौरान भी डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस के कैंपेन स्टाफ उनसे किसी भी तरह की कोई बात नहीं करेंगे.
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सीनेटर मार्को रुबियो को अगले अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने भारत का समर्थन करने वाला एक विधेयक पेश किया था, जिससे रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना मुख्यालय में खतरे की घंटी बज गई थी.
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