US Presidential Election: डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस की लोकप्रियता बढ़ रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में कमला हैरिस की बढ़ती लोकप्रियता, रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के लिए 'खतरे की घंटी' साबित हो सकती है. अमेरिकी न्यूज पोर्टल 'एबीसी न्यूज' के सर्वे FiveThirtyEight के पोलिंग औसत के अनुसार, जुलाई 2021 के बाद पहली बार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की नेट फेवरेबिलिटी रेटिंग पॉजिटिव एरिया में पहुंची हैं.
कमला हैरिस की रेटिंग पिछले काफी समय से बेहद खराब थी. आमतौर पर ऐसी रेटिंग किसी रिटायर हो चुके राजनेता की होती है. लेकिन कमला हैरिस पिछले 4 सालों से उपराष्ट्रपति के पद पर हैं, उनके लिए इतनी खराब रेटिंग चिंता का विषय थी. इस बीच उन्हें डेमोक्रेटिक उम्मीदवार घोषित करना भी बेहद चौंकानेवाले हैं. लेकिन कमला हैरिस की छवि में अब बड़ा बदलाव देखने को मिला है. हाल ही में 14 जुलाई को राष्ट्रपति जो बाइडेन के चुनावी रेस से बाहर होने से एक सप्ताह पहले, हैरिस की नेट अप्रूवल -17 थी. ये किसी उपराष्ट्रपति की मॉर्डन पोलिंग इतिहास में सबसे खराब रेटिंग में से एक है.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अब 50 दिन से भी कम समय रह गया है. ऐसे में कमला हैरिस की बढ़ती रेटिंग उनकी उम्मीदवारी को परिभाषित कर रही है. हालांकि, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि कमला हैरिस आगामी राष्ट्रपति चुनाव जीत जाएंगी, जिसका फैसला पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, एरिज़ोना, नेवादा, जॉर्जिया और उत्तरी कैरोलिना में सात कांटे की टक्कर वाले मुकाबले से होगा.
राष्ट्रपति चुनाव बेहद करीब है और शुरुआती संकेत हैं कि हैरिस को पिछले सप्ताह पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ अपनी मजबूत बहस से मतदान में बढ़त मिल रही है. FiveThirtyEight के चुनाव मॉडल में मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, कमला हैरिस को 100 में से 61 लोग चुनाव जीतने का प्रबल दावेदार मान रहे हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रम्प को 100 में से 39 लोग जीत का प्रबल दावेदार मान रहे हैं. वहीं, The Economist के मतदान औसत के मुताबिक, हैरिस ने राष्ट्रीय लोकप्रिय में अपनी अब तक की सबसे बड़ी बढ़त हासिल कर ली है.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने पहली बहस में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ दिया. हैरिस अमेरिकी विदेश नीति, अर्थव्यवस्था, सीमा सुरक्षा और गर्भपात जैसे विषयों पर ट्रंप को घेरने में कामयाब रहीं. ट्रंप के साथ इस बहस के दौरान हैरिस पूर्व में ‘प्रेसिडेंशियल डिबेट' में राष्ट्रपति जो बाइडन के निराशाजनक प्रदर्शन की भरपाई करने का भरपूर प्रयास करती भी दिखीं और 90 मिनट चली इस बहस में हैरिस ने ट्रंप को चारों ओर से घेरने का प्रयास किया. पूर्व राष्ट्रपति ने जब मौजूदा प्रशासन की निंदा की तो उपराष्ट्रपति हैरिस ने उन्हें स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, ‘आप जो बाइडन के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. आप मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.'
USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनUSAID पर घमासान, ट्रंप ने कहा-'भारत के पास बहुत पैसा, हम 1.8 अरब क्यों दे रहे हैं?'
Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष जयजानबाइडन का दर्द-ए-दिल, मैं ट्रंप को पक्का हरा देता लेकिन...
Edited by: तिलकराजUSAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.