
कमला हैरिस (Kamala Harris) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट (Presidential Debate) में तीखी बहस देखने को मिली. इस दौरान दोनों ने अमेरिका की इकॉनोमी, पब्लिक हेल्थ समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन एक मुद्दा दोनों के बीच काफी गर्मा गया. दरअसल, कमला हैरिस ने अबॉर्शन लॉ के बारे में बात की और कहा कि अबॉर्शन कानून को लेकर ट्रंप झूठ बोलते आ रहे हैं और अमेरिका की कोई भी महिला ऐसा नहीं चाहेगी.
कलमा हैरिस ने बेहद इमोशनल होते हुए अबॉर्शन को लेकर ट्रंप पर निशाना साधा और कहा कि यह अमेरिका की महिलाओं के हक के खिलाफ है. हैरिस ने कहा, "किसी को सरकार से सहमत होने के लिए अपने विश्वास या गहरी मान्यताओं को त्यागने की जरूरत नहीं है और डोनाल्ड ट्रम्प को निश्चित रूप से किसी महिला को यह नहीं बताना चाहिए कि उसे अपने शरीर के साथ क्या करना चाहिए."
कमला हैरिस ने महाबहस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाते हुए कहा, "अबॉर्शन के लिए संघीय सुरक्षा को खत्म करने की कोशिशों के बारे में वह बार-बार झूठ बोलते हैं". उन्होंने कहा, रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की नीति "अमेरिका की महिलाओं का अपमान" कर रही है. उन्होंने कहा, आपको बहुत सारे झूठ सुनने को मिलेंगे. डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों को इस इरादे से चुना था कि वो रो बनाम वेड मामले में दिए गए संरक्षण को खत्म कर देंगे, और उन्होंने ठीक वैसा ही किया जैसा कि उनका इरादा था."
इस पर जवाब देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि कुछ राज्यों में बच्चों को जन्म के बाद मार दिया जाता है. इस पर मॉडरेटर ने बीच में बोलते हुए कहा, "इस देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां जन्म के बाद बच्चे को मारना कानूनी हो." ट्रम्प ने छह हफ्तों के अबॉर्शन बैन का समर्थन करने के अपने फैसले का बचाव किया और कहा कि "डेमोक्रेट अपनी अबॉर्शन नीतियों में कट्टरपंथी हैं". ट्रम्प ने अबॉर्शन पर उनके रुख के लिए कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टिम वाल्ज़ पर भी हमला किया और दावा किया कि वे "जन्म के बाद मृत्युदंड" का समर्थन करते हैं.
ममदानी से मुलाकात के पहले ही ट्रंप के बिगड़े बोल, न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर पर फिर की बयानबाजी
Edited by: Ashutosh Kumar Singhवर्ल्ड इकोनॉमी को AI करेगी ड्राइव, अमेरिकी कंपनियां अरबों डॉलर कर रही इन्वेस्ट: NDTV से बोले रुचिर शर्मा
Edited by: प्रभांशु रंजनदम आलू, चिली चिकन और चाय… न्यूयॉर्क के ‘देसी’ मेयर बनने के बाद ममदानी का स्पेशल लंच, शेयर की तस्वीर
Edited by: Ashutosh Kumar SinghDonald Trump- Zohran Mamdani Meeting: डोनाल्ड ट्रंप ने महीनों तक जोहरान ममदानी की आलोचना की है, उन्हें "कम्युनिस्ट पागल" करार दिया है और भविष्यवाणी की कि अगर डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ममदानी ने मेयर चुनाव जीता तो न्यूयॉर्क बर्बाद हो जाएगा.
NDTV के एडिटर इन चीफ राहुल कंवल के 'Walk The Talk' प्रोग्राम में ग्लोबल इंवेस्टर और लेखक रुचिर शर्मा ने लंबी बातचीत की है. उन्होंने बताया कि AI के क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश आ रहा है. आने वाले समय में वर्ल्ड इकोनॉमी को एआई ड्राइव करेगी.
जोहरान ममदानी की पहली विक्ट्री स्पीच में भी उनकी भारतीय जड़ें नजर आईं, जिसमें उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रसिद्ध ‘ट्रस्ट विद डेस्टिनी’ भाषण का हवाला दिया. जब मंच से उतरे तो ‘धूम मचा ले’ गाना बैकग्राउंड में बज रहा था.
1964 में हैदराबाद में जिया हाशमी और तनवीर हाशमी के घर गजाला का जन्म हुआ था. शुरुआती कुछ साल गजाला अपने नाना के घर मालकपेट में रहीं. गजाला जब सिर्फ 4 साल की थी, तभी अपने बड़े भाई के साथ अमेरिका आ गई थीं.
NYC Mayor Election Zohran Mamdani: अमेरिका में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत लिया है, जिसके बाद उनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि अमेरिका में ये चुनाव कैसे होते हैं.
Zohran Mamdani Wife Rama Duwaji: न्यूयॉर्क मेयर पर जोहरान ममदानी की जीत के पीछे उनकी पत्नी रामा दुवाजी की भी अहम भूमिका बताई जा रही है. डिजिटल मीडिया एक्सपर्ट ने पति के कंपेन में बड़ा योगदान दिया.
Zohran Mamdani vs Donald Trump: न्यूयॉर्क के नए मेयर जोहरान ममदानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को सीधे चुनौती दी है.
US Election Results: अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप को तगड़ा झटका लगा है. ट्रंप की लाख कोशिशों के बावजूद जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत लिया है. वर्जीनिया और न्यू जर्सी में भी उन्हें झटका लगा.
जोहरान ममदानी सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क शहर आ गए थे. उनके पिता महमूद ममदानी युगांडा के फेमस लेखक हैं और भारतीय मूल के मार्क्सवादी विद्वान हैं. उनकी मां मीरा नायर एक पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी फिल्म मेकर हैं.
बिहार-यूपी के गांवों से निकलकर आज अपनी वैश्विक पहचान बना चुके छठ पर्व की भावना और बिहार विधानसभा चुनाव पर रंधीर कुमार गौतम और केयूर पाठक की टिप्पणी.

