अपने बच्चे को गोद में लिए हुए, अमीरा अल-सकानी ने बताया कि किस तरह से उनको गाजा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा,"हमारा जीवन दुखद है; हम युद्ध (Israel Gaza War) नहीं चाहते... हम शांति चाहते हैं."
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने "सीएनएन दिस मॉर्निंग" पर कहा कि "राष्ट्रपति अब भी मानते हैं कि इजरायली बलों द्वारा गाजा पर दोबारा कब्जा करना अच्छा नहीं है, यह इजरायल के लिए अच्छा नहीं है; यह इजरायली लोगों के लिए अच्छा नहीं है."
हमास-नियंत्रित क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक कम से कम 10,022 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 4,104 बच्चे भी शामिल हैं. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने कहा है कि अस्पताल घायलों का इलाज नहीं कर सकते हैं और भोजन और साफ पानी ख़त्म हो रहा है और सहायता वितरण कहीं भी पर्याप्त नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुखों ने कहा, "लगभग एक महीने से, दुनिया इजराइल और फिलिस्तीनी क्षेत्र (Israel Palestine War) में उभरती स्थिति को देख रही है और जान गंवाने और बिखरने के बढ़ते आंकड़े से सदमे और दहशत में है."
पेंटागन द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि 17 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच इराक में 17 और सीरिया में 12 हमले हुए.
सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा, इजरायली सेना ने "गाजा शहर को घेर लिया है... अब वहां एक दक्षिणी गाजा और एक उत्तरी गाजा मौजूद है."
मंत्री अमिहाई एलियाहू ने गाजा में मानवीय सहायता की अनुमति देने के खिलाफ अपनी आपत्ति जताते हुए कहा, "हम नाजियों को मानवीय सहायता नहीं देंगे."
उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन एशेर ने तेल अवीव में घर पर अकेले रहने का फैसला किया था, जबकि उनकी पत्नी डोरोन और बेटियां रज़ और अवीव, नीर ओज़ किबुत्ज़ में अपनी मां इफरत से मिलने जाने का फैसला किया था. 7 अक्टूबर को हुए हमले में लगभग 400 निवासियों का घर, गाजा की सीमा के पास का समुदाय हमास के हमले में बुरी तरह प्रभावित हुआ था.
31 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच, इज़रायल की सेना ने उत्तरी गाजा (Israel-Gaza War) के जबालिया शरणार्थी शिविर पर तीन बार एयर स्ट्राइक की. विस्थापित लोगों को शरण देने वाले संयुक्त राष्ट्र के चार स्कूल भी हमले से प्रभावित हुए हैं.
हमास से जारी युद्ध के बीच इजरायल (Israel Gaza War) ने शनिवार देर रात मध्य गाजा में एक शरणार्थी शिविर पर एयर स्ट्राइक कर दी थी, इसमें 30 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.