संघर्ष बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बातचीत की. इस खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि इजराइली निर्माण उद्योग 90,000 फलस्तीनियों के स्थान पर 100,000 भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने पर विचार कर रहा है, उन्होंने कहा कि उन्हें तेल अवीव से ऐसे किसी अनुरोध की जानकारी नहीं है.
इजरायल ने हमास के चारों ओर "कब्जा मजबूत करने" के प्रयास में आवासीय क्षेत्रों पर बमबारी तेज कर दी. जिस वजह से हजारों फिलिस्तीनी उत्तरी गाजा से भाग गए, जब तक हमास बंधकों को रिहा नहीं कर देता तब तक इज़रायल ने युद्धविराम से इनकार कर दिया है.
अमेरिका का कहना है कि पूर्वी सीरिया (US Attack In Syria) में निशाना बनाया गया हथियार भंडारण केंद्र ईरान से जुड़ा हुआ है. यह ऐसे समूहों का समर्थन करता है, जिनको वाशिंगटन मध्य पूर्व में अपनी सेनाओं पर हमलों में बढ़ोतरी के लिए दोषी मानता है.
इजरायल के सीनियर अधिकारी ने 'रॉयटर्स' से कहा, "इजरायल के सैन्य हमले के पीछे का विचार हमपर हमला करने वाले और हमे धमकाने वाले हमास की ताकत को खत्म करना है. हम समझते हैं कि इसमें समय लगेगा."
7 अक्टूबर से 7 नवंबर तक इजरायल-गाजा हमले (Israel Gaza War) को एक महीना पूरा गया है, लेकिन संघर्ष खत्म होने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही. युद्धविराम की जगह इजरायल ने गाजा में हमास को कुचलने का अभियान और तेज कर दिया है.
एमिली कैलाहन पिछले बुधवार को गाजा से निकाले जाने के बाद अमेरिका लौट आईं. कैलाहन ने CNN के एंडरसन कूपर को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि गाजा में फिलहाल ऐसी कोई जगह नहीं बची है, जिसे सुरक्षित कहा जाए.
सार्जेंट वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्जिया की एलिशेवा रोज़ इडा लुबिन यरूशलम के पुराने शहर में गश्त कर रही थीं, तभी उन्हें निशाना बनाया गया. हमले के दौरान गंभीर चोटें लगने के कारण बाद में उसने दम तोड़ दिया.
अपने बच्चे को गोद में लिए हुए, अमीरा अल-सकानी ने बताया कि किस तरह से उनको गाजा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा,"हमारा जीवन दुखद है; हम युद्ध (Israel Gaza War) नहीं चाहते... हम शांति चाहते हैं."
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने "सीएनएन दिस मॉर्निंग" पर कहा कि "राष्ट्रपति अब भी मानते हैं कि इजरायली बलों द्वारा गाजा पर दोबारा कब्जा करना अच्छा नहीं है, यह इजरायल के लिए अच्छा नहीं है; यह इजरायली लोगों के लिए अच्छा नहीं है."
हमास-नियंत्रित क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक कम से कम 10,022 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 4,104 बच्चे भी शामिल हैं. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने कहा है कि अस्पताल घायलों का इलाज नहीं कर सकते हैं और भोजन और साफ पानी ख़त्म हो रहा है और सहायता वितरण कहीं भी पर्याप्त नहीं है.