Israel Hamas War: अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमेरिका बंधकों का पता लगाने के प्रयासों में सहायता के लिए गाजा के ऊपर खुफिया जानकारी एकत्र करने वाले ड्रोन उड़ा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र भी इज़रायल के ख़िलाफ़ आलोचना के अंतरराष्ट्रीय स्वरों में शामिल हो गया, और हालिया हमलों की कड़ी निंदा की. UN की शीर्ष मानवाधिकार इकाई ने - 'बहुत बड़ी तादाद में नागरिकों के हताहत होने' और तबाही के पैमाने का हवाला देते हुए - कहा कि उसे 'गंभीर चिंता है कि ये हमले असंगत हैं, जो युद्ध अपराध की श्रेणी में रखे जा सकते हैं...'
जो बाइडेन (Jo Biden On Israel-Gaza War) ने कहा," मुझे लगता है कि हमें एक विराम की जरूरत है. विराम का मतलब कैदियों को बाहर निकालने के लिए समय देना है."
गाजा सीमा अधिकारियों ने कहा कि बॉर्डर क्रॉसिंग को फिर खोला जाएगा ताकि अधिक विदेशी बाहर निकल सकें. एक राजनयिक सूत्र ने कहा कि लगभग 7,500 विदेशी पासपोर्ट धारक लगभग दो सप्ताह में गाजा छोड़ देंगे.
इजरायली सेना के किए गए हवाई हमलों ने गाजा शहर के समीप एक शरणार्थी शिविर में अपार्टमेंट इमारतों को ध्वस्त कर दिया. इस दौरान सामने आई फुटेज में बचावकर्मी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मलबे से बाहर निकालते हुए दिखे.
7 अक्टूबर को हमास के लड़ाके 240 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे, जिसके बाद से इजरायली सेना की गाजा पट्टी पर जवाबी कार्रवाई जारी है.
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर रॉकेट हमले किए थे. हमास के लड़ाकों ने सुरंगों के रास्ते घुसपैठ करते हुए 1400 लोगों को मार डाला था.
अमेरिका में रह रहें तारिक हमौदा और उनकी पत्नी मनाल ने CNN को बताया, "एक हफ्ते पहले हमें पता चला कि मिडिल ईस्ट में चल रहे जंग में हमारे 42 रिश्तेदार मारे गए हैं." हमला 19 अक्टूबर को गाजा शहर के शेख एजलीन में हुआ.
डिमोना को कुछ लोग 'लिटिल इंडिया' भी कहते हैं, क्योंकि इस शहर में बड़ी संख्या में भारत से आए यहूदी रहते हैं. भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘वह (सोलोमन) अच्छे व्यवहार वाले युवक थे और उनका भविष्य बहुत उज्ज्वल था.’’
ईरान ने कई साल से प्रॉक्सी का एक नेटवर्क बनाया है, जो प्रमुख मिलिशिया ग्रुप बन चुका है. इनमें से कुछ मिलिशिया राजनीतिक दलों के रूप में भी तब्दील हो चुके हैं, जो अपने संबंधित देशों की सरकारों को चुनौती देते हैं.