बुधवार को इजरायली युद्धक विमानों ने मवासी क्षेत्र में राहत शिविर पर मिसाइल से हमला किया.
हमास के हमले के बाद इजरायल की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई कितनी खतरनाक रही, इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि हवाई हमलों में चौबीस घंटों में 300 फिलिस्तीनी मारे गए थे. तभी से गाजा ऐसे मानवीय संकट से जूझ रहा है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल ही होगा.
गाजा के खान यूनिस शहर में जिस जगह को निशाना बनाया गया, ये वही इलाका है जिसको इजरायली सेना ने युद्ध शुरू होने पर सुरक्षित इलाका बताया था.
हमास ने केरेम शलोम क्रॉसिंग पर हमला किया, हमले में तीन इजरायली सैनिकों की मौत हो गई. जिसके बाद इजरायल की तरफ से जवाबी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
इजरायल ने पेट्रो को "यहूदी विरोधी और घृणित" बताते हुए जवाब दिया और कहा कि उनका रुख हमास को इनाम देने जैसा है.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया कि कई अन्य लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं और नागरिक सुरक्षा दल उन्हें बचाने के लिए काम कर रहे हैं.
व्हाइट हाउस की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि दोनों सहयोगियों ने गाजा में तत्काल युद्धविराम के साथ-साथ बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए चल रही बातचीत की समीक्षा की.
इज़रायल का निर्माण उद्योग उन विशिष्ट क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार देता है जहां इज़राइली श्रमिकों की कमी है. लगभग 80,000 श्रमिकों का सबसे बड़ा समूह फिलिस्तीनी प्राधिकरण-नियंत्रित वेस्ट बैंक से और अन्य 17,000 गाजा पट्टी से आए थे.
महीनों की बमबारी और इजरायली सैनिकों और फिलिस्तीनी आतंकवादियों के बीच भारी लड़ाई के बाद अधिकांश क्षेत्र अब खंडहर में तब्दील हो चुका है.