Significance of akhada in kumbh mela : आखिर साधु- संतों के समूह को ''अखाड़ा'' का नाम क्यों दिया गया, इसके बारे में हम आगे आर्टिकल में विस्तार से बता रहे हैं.
प्रयागराज के कई प्रमुख घाटों की यात्रा करना यादगार अनुभव होता है. यहां के कई घाट अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. मेले के दौरान भीड़-भाड़ के चलते उन खास घाटों तक पहुंचना आसान नहीं होता है, चलिए हम आपको बताते हैं कैसे आप अपना रास्ता यहां से सुगम बना सकते हैं.
महाकुंभ 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन से शुरू होगा. महाकुंभ मेले में स्नान का बहुत महत्व होता है. मेले में पहला स्नान पौष पूर्णिमा के दिन होगा.
अगर आप कुंभ मेले में भाग लेने जा रहे हैं तो इस दौरान प्रयागराज नगरी में कुछ खास जगहों पर जाना ना भूलें. यहां धर्म और संस्कृति का अनोखा संगम है.
महाकुंभ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूरी भक्ति व निष्ठा सें कई तरह के पूजन और अनुष्ठान करते हैं. कई श्रद्धालु मेले में कल्पवास करते हैं. यह एक कठिन तपस्या और भगवत साधना है जिससे साधक आध्यात्मिक जीवन की ओर आगे बढ़ता है
इंडिया को डिजिटल करना पीएम मोदी का सपना है और इसका असर अब महाकुंभ में भी नजर आ रहा है. इस वजह से अब खोया-पाया केंद्र में भी इसका असर नजर आ रहा है. महाकुंभ में जो खोया-पासा बनाया गया है, वो भी कंप्यूटराइज है
Maha Kumbh: प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन वह चार स्थान हैं जहां 12 साल के अंतराल पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है. 2 ग्रहों के योग से यह तय किया जाता है कि कुंभ मेला इन चार में किस एक जगह पर आयोजित किया जाएगा.
Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
महाकुंभ मेले में व्यंजनों की बहार अलग ही अनुभव प्रदान करने वाला होता है. खासकर उत्तर प्रदेश स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से फूड कोर्ट की व्यवस्था की गई है. आइए जानते हैं इस बार मेले में किन व्यंजनों का लिया जा सकता है चटखारा.
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेला 2025 के लिए यूपी सरकार 10 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी का निर्माण कर रही है जिससे गंगा स्नान करने में भक्तों को परेशानी ना हो.
Mahakumbh mela 2025 date : इस साल महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है. कुंभ मेले का आयोजन 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहा है जो 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन तक चलेगा. इस दौरान देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुन और सारस्वती नदी) में स्नान करने के लिए इकट्ठा होंगे
महाकुम्भ को सकुशल एवं निर्विघ्न संपन्न कराने के उद्देश्य से 4वीं वाहिनी एवं 42वीं वाहिनी के पीएसी के बाढ़ राहत दलों ने संगम घाट और विकसित किए जा रहे विभिन्न स्नान घाटों की भौगोलिक स्थिति का भी निरीक्षण किया. साथ ही किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए पूर्वाभ्यास भी किया गया.
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 के मध्य निर्धारित है. महाकुंभ मेला के सकुशल आयोजन के लिए एकमुश्त विशेष सहायता अनुदान के रूप में धनराशि स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा था.
Mahakumbh Mela 2025 : आइए जानें कि 12 साल बाद ही क्यों लगता है यह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक मेला और कैसे तय होती है इसकी तारीख और जगह.
Kumbh mela imprtant dates : 1 महीने तक चलने वाले महाकुंभ मेले के दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व भी आते हैं जिन तिथियों पर स्नान करने का विशेष महत्व होता है. ऐसे में आप उन लाभों से चूक न जाएं, यहां पर कुंभ मेले के दौरान आने वाली शुभ तिथियों की लिस्ट साझा कर रहे हैं, ताकि आप भी उस दिन स्नान करके पुण्य प्राप्त कर सकें..