प्रयागराज रेल मंडल द्वारा महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए पहली बार सीसीटीवी कैमरों के साथ एफआर कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. एफआर कैमरे एआई की मदद से संदिग्ध गतिविधियों और अराजक तत्वों पर नजर रखने में कारगर हैं.
सभी टॉयलेट्स की निगरानी का जिम्मा 1500 गंगा सेवा दूतों को सौंपा गया है, जो सुबह-शाम एक-एक टॉयलेट को चेक करेंगे. जिन टॉयलेट्स में सफाई मानक के अनुरूप नहीं होगी, उनकी डिटेल संबंधित वेंडर्स को चली जाएगी और फिर चंद मिनटों में वेंडर्स द्वारा टॉयलेट की सफाई संपन्न कराई जाएगी.
मिट्टी के चूल्हे और कंडे के निर्माण से जुड़े लोगों को महाकुंभ से बहुत आस है. उन्हें उम्मीद है कि इस धार्मिक मेले के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. कुम्हार अशोक के अनुसार, 'कल्पवास में आए साधु-संत चूल्हा, कंडे लेते हैं. वो इसी पर खाना बनाते हैं.'
मेला के दौरान यहां 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी, जहां अनलिमिटेड ओपीडी की क्षमता के हिसाब से सुविधाएं मौजूद रहेंगी. अस्पताल में मेल, फीमेल और चिल्ड्रेन वार्ड अलग-अलग तैयार किए गए हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा. शासन-प्रशासन द्वारा सारी तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यहां पर एक चाबी वाले बाबा आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, जो अपने साथ 20 किलो की चाबी लेकर यात्रा करते हैं.
Kumbh 2025 : समूची दुनिया में यह पहला मौका होगा, जहां बड़े पैमाने पर होने वाली नियमित आरती को कन्या संपन्न करेगी और दुनिया को एक संदेश देने का काम भी करेगी.
Mahakumbh 2025 : प्रयागराज सिर्फ संगम नगरी और कुंभ मेले तक ही सीमित नहीं है बल्कि इस शहर में कई ऐसी ऐतिहासिक जगहें हैं जहां पर आप पवित्र स्नान करने के बाद घूम सकते हैं. अगर आपको इतिहास में दिलचस्पी है तो फिर आपको ये जगहें जरूर पसंद आएंगी...
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 पर दुनिया की नजर है. इस बार इसे ऐतिहासिक बनाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं.
महाकुंभ में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. ऐसे में उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.
साधु रमेश पुरी ने 12 साल तक खड़े रहने का हठ किया है. इन्हें खड़ेश्वरी साधु कहते हैं. खड़ेश्वरी साधु बैठते या लेटते नहीं हैं. ये हमेशा खड़े रहते हैं. सोने के लिए एक ड्रम पर कपड़े रखकर शरीर को आराम देते हैं.
कैटेगरी के आधार पर कोटा निर्धारित किया जा रहा है. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए इस लिहाज से विभागीय स्तर पर नोडल अधिकारी भी नामित किए जा रहे हैं.
हिन्दू धर्म में रवि योग का खास महत्व है. माना जाता है इस दिन स्नान और दान करने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आएगी.
पौष पूर्णिमा के दिन ही बारह साल में लगने वाला महाकुंभ मेला शुरू हो रहा है. जानिए इस दिन अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त क्या है.
संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रहीं हैं. 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ में महज गिनती के कुछ दिन बचे हैं, हर 12 साल में एक विशेष स्थान पर आयोजित होने वाले महाकुंभ में लाखों-करोड़ों साधु-संत और श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं.
प्रयागराज नगरी में हर जगह में कई सारे महाकुंभ से जुड़े पोस्टर लगाए गए हैं. जिनकी मदद से आपको खाने से लेकर रहने तक की तमाम जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी.