उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हुई और ये शिवरात्रि, 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, ऐसे में अगर आप महाकुंभ जा रहे हैं तो धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा ये ज्योतिष अनुष्ठान भी कर सकते हैं.
महामंडलेश्वर ममता वशिष्ठ का किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने पिंडदान और पट्टाभिषेक कराया है.
Kumbh news 2025 : महाकुंभ में सबसे पहले साधु संत शाही स्नान करते हैं और साधु संतों में भी सबसे पहले नागा साधु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं.
जूना अखाड़ा की महिला संत दिव्या गिरि के अनुसार दीक्षा के लिए पंजीकरण जारी है और प्रथम चरण में 102 महिलाओं को नागा दीक्षा दी गई. 12 वर्षों की सेवा और उनके गुरु के प्रति के समर्पण को देखने के बाद इन महिलाओं को अवधूतनी बनाया गया.
श्रद्धालुओं के लिए अच्छी सुविधाएं प्रदान करते हुए भारतीय रेलवे ने महाकुंभ को लेकर स्पेशल ट्रेनों की भी तैयारी की हुई है. महाकुंभ के चलते रेलवे 3000 स्पेशल ट्रेनें और 13000 से अधिक रेलगाड़ियां चला रही है.
Mahakumbh Fire: महाकुंभ में भीषण आग लगने से कुछ लोगों का पूरा सामान जल गया. इसके बावजूद भी यह आग उन लोगों की आस्था को नहीं डिगा सकी है.
Third amrit snan date 2025 : मौनी अमावस्या 2025 कई मायनों में खास है क्योंकि शिववास सहित कई और मंगलकारी योग बन रहें हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और मंगलकारी योग....
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स अरब का शेख बनकर महाकुंभ में घूमता नजर आता है. अरब के शेखों जैसी सफेद पोशाक और आंखों पर काला चश्मा पहनकर यह शख्स बहुत ही रौब में चल रहा है.
महाकुंभ 2025 में शामिल हुए IIT बाबा कुछ दिन पहले ही इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहे थे. उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी.
महाकुंभ के पावन मौके पर प्रयागराज में 1500 साधुओं ने दीक्षा ग्रहण की है. इन साधुओं ने जूना अखाड़े में शामिल हुए हैं.
इस बीच महाकुंभ मेले 2025 में इंदौर की उस लड़की ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है, जिसकी आंखों को देख कोई भी उसका कायल हो जाएगा.
महाकुंभ में फेमस IIT बाबा और हर्षा रिछारिया के बीच का कनेक्शन क्या सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सीमित है या दोनों के बीच कोई गहरी सांस्कृतिक या वैचारिक डोर है?
शनिवार को महाकुंभ का छठा दिन है और पवित्र स्नान के लिए संगम के तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है. यह आध्यात्मिक आयोजन दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है, जिसमें श्रद्धालु पवित्र 'अमृत स्नान' या शाही स्नान उत्सव के लिए आते हैं. पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर हुआ था, जबकि दूसरा 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर होगा.
इस रशियन बाबा ने अपने गले और बाजुओं में रुद्राक्ष की मालाएं डाली हुई हैं. कहा जा रहा है कि इस बाबा ने हिंदूवाद के लिए अपना जीवन समर्पण कर दिया है और बीते 30 साल से हिंदू धर्म से जुड़ा है.
ढींडसा ने 17 जनवरी को अपने पोस्ट में कहा, “आज हमने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सेवा के लिए महाकुंभ मेला, प्रयागराज में एक अस्थायी ब्लिंकिट स्टोर खोला है.