Mahakumbh 2025: भारत की संस्कृति और इतिहास पूरी दुनिया को चमत्कृत करती रही हैं. इस रिपोर्ट में जानिए ऐसे ही 8 इंटरनेशनल सेलेब्स के बारे में...
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 शुरू हो चुका है. मंगलवार को पहला अमृत स्नान है. जान लीजिए किस समय किस अखाड़े के साधु के हो सकेंगे दर्शन...
रूस से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि मैंने महाकुंभ के बारे में पढ़ा था, लेकिन यहां आकर इसकी विशालता और दिव्यता को महसूस करना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव है.
संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे सनातन आस्था से सबसे आयोजन महाकुंभ 2025 में अनेक रंग देखने को मिल रहे हैं. देश के कोने-कोने से अलग-अलग वेशभूषा में साधु संत यहां पर पहुंच रहे हैं. 144 साल बाद महाकुंभ के लिए कुछ खास संयोग बन रहा है. हर कोई कुंभ जाने से अपने आप को नहीं रोक पा रहा अलग-अलग तरह के महात्माओं के स्वरूप अलग-अलग तरह के अखाड़ा प्रमुख कुंभ के रंग में रंगे हुए नजर आ रहे हैं.
स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने आज सुबह महाकुंभ में पूजा की. कैलाशानंद गिरि महाराज के अनुसार, वह महाकुंभ में रुकने वाली हैं और गंगा में डुबकी भी लगाएंगी.
पौलेंड से आईं श्रद्धालु क्लाउडिया ने कहा कि मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है. मैंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था. कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा.
बुलेट वाले बाबा महाकुंभ को लेकर बेहद उत्साहित और खुश लग रहे हैं. वह अपनी बाइक से महाकुंभ में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं.
महाकुंभ में बड़ी मात्रा में आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियां होंगी. एक अनुमान के अनुसार, अगर धार्मिक यात्रा के दौरान प्रति व्यक्ति ₹5,000 खर्च होता है, तो कुल आंकड़ा ₹2 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा.
महाकुंभ 2025 की शुरुआत आज से हो गई है और इसी बीच कुंभ मेला प्रशासन ने सभी 13 अखाड़ों के अमृत स्नान की सूची भी जारी कर दी है.
महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशभर से आए श्रद्धालु संगम तट पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे हैं. संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए.
महाकुंभ के पहले दिन सुबह के कुछ घंटों में ही 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है. बताया जा रहा है कि ये आंकड़ा शाम होते होते 1 करोड़ तक पहुंच सकता है.
मंत्री नंदी ने पूर्वोत्तर के संतों की महाकुंभ में व्यापक भागीदारी की सराहना की. महामंडलेश्वर स्वामी केशव दास जी महाराज ने बताया कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर के सत्र कुंभ मेले में हिस्सा ले रहे हैं.
इस योग में किया गया कोई भी मांगलिक कार्य निर्विघ्न होंगे. इस दौरान दान-पुण्य करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी.
मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है. डीआईजी और एसएसपी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है.
“मैं यहां पहली बार आई हूं. कई भारतीय मेरे मित्र हैं. मुझे भारतीय संस्कृति पसंद है. मुझे लगता है कि पिछले जन्म में मैं भारतीय थी. भारत का संगीत, भजन, कीर्तन, सब कुछ मुझे काफी पसंद है. महाकुंभ मेले की व्यवस्थाएं काफी अच्छी हैं.”