इस रशियन बाबा ने अपने गले और बाजुओं में रुद्राक्ष की मालाएं डाली हुई हैं. कहा जा रहा है कि इस बाबा ने हिंदूवाद के लिए अपना जीवन समर्पण कर दिया है और बीते 30 साल से हिंदू धर्म से जुड़ा है.
ढींडसा ने 17 जनवरी को अपने पोस्ट में कहा, “आज हमने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सेवा के लिए महाकुंभ मेला, प्रयागराज में एक अस्थायी ब्लिंकिट स्टोर खोला है.
Mahakumbh: महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचे बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोग कुंभ में स्नान कर चुके हैं. ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. विपक्ष आंकड़े गलत होने का आरोप लगा रहा है. प्रयाग के हर घाट पर भीड़ है.
इस साल मौनी अमावस्या पर कुंभ में अमृत स्नान का शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन स्नान और दान के साथ कुछ खास उपाय करने से पितर प्रसन्न होंगे.
मान लीजिए आपके पितर (Pitra) आप से नाराज हैं, तो इस कुंभ में लगाई गई डुबकी से पितरों की नाराजगी भी दूर की जा सकती है. माना जाता है कि महाकुंभ में जाकर कुछ खास उपाय करने से पितृ दोष या पितरों की नाराजगी को दूर किया जा सकता है.
आइए विस्तार से जानते हैं एनडीटीवी से बातचीत में मां किरण रिछारिया और पिता दिनेश रिछारिया ने हर्षा की आध्यात्मिक यात्रा के सफर के बारे में क्या कुछ कहा है...
Gorakhpur MP Ravi Kishan On Mahakumbh: महाकुंभ में स्नान करने देश ही नहीं विदेश से भी काफी संख्या में लोग आ रहे हैं. जानिए गोरखपुर सांसद ने इस पर क्या कहा...
एक बाबा का वीडियो वायरल हो रहा है, जिन्हें "कबूतर वाले बाबा" (कबूतर संत) के नाम से जाना जाता है. मशहूर जूना अखाड़े के महंत राजपुरी जी महाराज लगभग एक दशक से इस अनोखे रास्ते पर चल रहे हैं.
हर्षा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर किया जिसमें वो फूट-फूटकर रोती नजर आ रही हैं. ऐसे में आइए जानते हैं हर्षा रिछारिया ने कुंभ छोड़ने के पीछे क्या कुछ वजह बताई है..
सोशल मीडिया पर ट्रैन में यात्रा कर रहे एक पैसेंजर ने 4 मिनट का एक वीडियो बनाया, जिसमें उसने महाकुंभ मेले का अद्भुत नज़ारा दिखाया, वीडियो में आप देखेंगे की किस तरह पूरा इलाहबाद रोशनी से जगमगा रहा है.
प्रयागराज में कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है. देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं.
अमेरिकी सेना के पूर्व वरिष्ठ कमांडर के एक बेटे को महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनाया गया है. आईटी कंपनी में अच्छी नौकरी कर रहे टॉम को नया नाम व्यासानंद गिरी दिया गया है.
अखाड़ों का इतिहास भी दिलचस्प है. माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने सदियों पहले बौद्ध धर्म के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए अखाड़ों की स्थापना की थी.
आपको बता दें कि कल्पवास आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिकता की तरफ बढ़ने का साधन है. वैसे तो कल्पवास आप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन कुंभ के दौरान करने का विशेष महत्व होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कुंभ में कल्पवास करने का क्या है नियम...
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित भव्य महाकुंभ (Mahakumbh 2025) दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है. 10 देशों का 21 सदस्यीय दल प्रयागराज पहुंच चुका है. जो संगम में पवित्र डुबकी लगाएगा.