1995 में घर खरीदने वालों को मकान लेने के लिए अपनी सालाना आय का 22 गुना धन लगाना पड़ता था, जो अब लोगों की आय बढने से 2011-12 में 4.6 गुना रह गया।
फिक्की ने कहा कि मसौदा रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) विधेयक, 2011 में सभी सम्बद्ध पक्षों पर समान रूप से ध्यान नहीं दिया गया है।