बड़ी कंपनियां आमतौर पर अपने ब्रांड के प्रचार-प्रसार के लिए 'बड़े नाम वाले' क्रिकेटरों का इस्तेमाल करती हैं. कई बार फर्म के वादे पर खरा नहीं उतरने के कारण दांव उलटा पड़ जाता है. ऐसे ही एक मामले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक रियल एस्टेट फर्म की विभिन्न प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले लोगों के 'गुस्से' का शिकार बन चुके हैं.
जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी महागुन रीयल एस्टेट को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 408 करोड़ रुपये की लागत से वाणिज्यिक परिसर के निर्माण की पर्यावरण मंजूरी मिल गयी है.
रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप के दो वरिष्ठ अधिकारियों को मजदूरों के वेलफेयर में खर्च होने वाले पैसे को जमा नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.
जिन कंपनियों के पास बड़ी संख्या में पहले से तैयार बिना बिके मकान हैं, उनके डेवलपर बढ़ी लागत का बोझ उसके खरीदारों पर डालने की योजना बना रहे हैं.
आमतौर पर किसी भी शख्स के लिए 'अपना घर' खरीदना उसकी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा वित्तीय फैसला होता है, सो, आजकल मकान खरीदने की कोशिशों में जुटे लोगों के बीच यही सवाल सबसे ज़्यादा चर्चा में है कि उत्पाद शुल्क (excise duty), मूल्य-वर्द्धित कर (वैट या VAT या वैल्यू एडेड टैक्स) तथा सर्विस टैक्स (service tax) जैसे लगभग एक दर्जन अप्रत्यक्ष करों के बदले 1 जुलाई से लागू होने जा रहे गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी का रीयल एस्टेट क्षेत्र पर क्या असर होगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशियों के लिए मुंबई सबसे महंगा शहर है और इस लिहाज से उसे पेरिस, कैनबरा, सिएटल तथा वियना जैसे शहरों से भी ऊपर रखा गया है.
सिसोदिया ने कहा, ‘‘शराब और रीयल एस्टेट लॉबी जीएसटी में हस्तक्षेप करने में सफल रही है. मैं बिना किसी हिचकिचाहट के कह सकता हूं कि इन दोनों क्षेत्रों को जीएसटी के दायरे से इसलिए बाहर रखा गया है क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व और प्रभावशाली लोग पारंपरिक रूप से रीयल एस्टेट के कारोबार में लगे रहे हैं.’’
पुलिस ने प्रेम प्रसंग के एक मामले में अपनी प्रेमिका के पति को मारने की कोशिश करने वाले एक 37 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी लड़की से एकतरफा प्यार करता था. वह उसके पति को मारकर लड़की को हासिल करना चाहता था.
रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए ब्याज राशि जमा करवा दी है. इसके तहत कंपनी ने अपनी गुड़गांव परियोजना के 39 क्रेताओं की 16.55 करोड़ रुपये की राशि पर 14 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि जमा करवा दी है.
यह दावा उन कतिपय रपटों के बीच किया गया है कि रीयल इस्टेट (नियमन व विकास) कानून 2016 अपने कार्यान्वयन से पहले की परियोजनाओं को पूरा करने में देरी पर किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा.
रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून- RERA- को 14 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने क्रियान्वित किया है. वहीं 14 अन्य राज्य इन नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे रियल इस्टेट कानून के तहत नियमों को जल्द अधिसूचित करें जो पहली मई से लागू हो गया है. नायडू ने यह बात तब कही जब केवल 14 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने ही ऐसा किया है.
आज जब टीवी देख रहा था तो कुछ इस तरह की पंक्तियां उछल रही थीं कि अब बेईमान बिल्डरों की खैर नहीं. अब नहीं बचेंगे बेईमान बिल्डर. शब्दों से किस तरह टीवी एक नकली हकीकत तैयार करता है ये पंक्तियां उसी की मिसाल हैं. आप बिल्डरों के खिलाफ रात दिन प्रदर्शन कर रहे आम लोगों से पूछिये कि क्या वाकई एक मई से रेरा कानून लागू होने के बाद बिल्डरों की खैर नहीं होगी. उनकी बेईमानी खत्म हो जाएगी.
आवास कंपनियों के प्रवर्तकों और बिल्डरों को कर्ज देने वाले बैंक और वित्तीय संस्थाएं नयी रेरा (RERA) यानी रियल एस्टेट नियममन एवं विकास अधिनियम, 2016 व्यवस्था में असुरक्षित महसूस कर रही हैं और उन्होंने अपने कर्ज़ की सुरक्षा को लेकर सफाई मांगी है. बता दें कि देश के हरक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो रही हैं.
मकान खरीददारों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून (Real Estate Act) यानी रेरा 1 मई 2017 से लागू हो गया है. देश के हरक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो रही हैं. वहीं, इसी बीच रियलिटी क्षेत्र को कर्ज़ देने वालों ने 'अपने कर्ज की सुरक्षा' के लिए सफाई मांगी है.