दिल्ली उच्च न्यायालय ने संकट में फंसी रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लि. को एस्क्रो खाते खोलकर देरी से चल रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने और खरीदारों को उनके मकान का कब्जा देने का अवसर करने मौका दिया है.
रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियां कर्ज के बोझ से दबी हैं. बैलेंसशीट बदहाल है. रियल एस्टेट दिग्गज डीएलएफ, दूसरी बड़ी रियल्टी कंपनी यूनिटेक, इंडियाबुल्स गोदरेज प्रॉपर्टीज पार्श्वनाथ डेवलपर्स समेत कई छोटी-बड़ी भारी भरकम कर्ज से कराह रही हैं.
बिल्डरों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए लाया गया रीयल एस्टेट क़ानून आज से देशभर में लागू हो जाएगा। नए क़ानून में बिल्डरों की जवाबदेही तय की गई है।
पुणे के एक रियल एस्टेट डेवेलपर को प्रधानमंत्री मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री फड़णवीस से इसलिए माफी मांगनी पड़ी क्योंकि इस ग्रुप ने अपने सस्ते घरों के प्रचार के लिए इन दोनों नेताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल किया था।
राज्यसभा से पिछले हफ्ते पारित हो चुके इस विधेयक को मंगलवार को लोकसभा ने भी चर्चा के बाद अपनी मंजूरी दे दी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इस विधेयक को समय की जरूरत बताया और कहा कि इससे बिल्डर और उपभोक्ता दोनों के हितों का संरक्षण होगा।
राज्यसभा ने रियल एस्टेट (रेग्यूलेशन एंड डेवेलपमेंट) बिल 2016 कैसे खरीददारों के हितों की सुरक्षा करता है, हमने इस बारे में प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ग्रुप जेएलएल इंडिया के लोकल डायरेक्टर (स्ट्रेटिजिक कंसल्टिंग ग्रुप) सचिन गुलाटी से बात की। आइए जानें:
कांग्रेस से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में रियल एस्टेट बिल पेश किया गया और यह पारित भी हो गया।
हर साल बजट को लेकर मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा लोगों में काफी उत्साह रहता है। बजट के वो दो पहलू जो उनके इस उत्साह पर असर डालती हैं वो हैं....आयकर से जुड़े ऐलान और मकान खरीदने का सपना देखने वालों के लिए घोषणाएं।
पिछले हफ्ते मुंबई के देवनार डम्पिंग ग्राउंड में लगी आग बुधवार को एक बार फिर सुलग उठी। फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि आग लगने के तीसरे ही दिन उस पर काबू पा लिया गया था। लेकिन डम्पिंग ग्राउंड का नजारा कुछ और ही बयान करता है।
सुरेश प्रभु, सदानंद गौड़ा, अशोक गजपति राजू और रविशंकर प्रसाद उन कुछ मंत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने बांड और स्टॉक जैसे वित्तीय निवेश किए हैं जबकि केंद्रीय कैबिनेट के अधिकतर सदस्यों ने रियल इस्टेट में निवेश को प्राथमिकता दी है।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गुड़गांव रियल एस्टेट निवेशकों की पहली पसंद है। पीएचडी रिसर्च ब्यूरो ऑफ पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि रियल एस्टेट निवेशकों की पहली पसंद मिलेनियम सिटी गुड़गांव है।
अब अधिक से अधिक कंपनियां खुद को जिम्मेदार संगठन दिखाने का प्रयास कर रही हैं। इसके जरिये वे न केवल ग्राहकों को खींचने की कोशिश कर रही हैं बल्कि कर्मचारियों को कंपनी में रोकने के लिए मातृत्व और पितृत्व से जुड़े लाभ भी दे रही हैं। विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।
जीएसटी बिल को लेकर सरकार चिंतित नज़र आ रही है, लेकिन क्या यही चिंता जनता से जुड़े एक और बिल रीयल एस्टेट बिल पर भी है। एक ऐसा बिल जिसका मकसद उस सेक्टर में पारदर्शिता लाना है, जहां आज ये बहुत कम दिखती है।
सरकार ने कई संशोधनों के साथ रियल स्टेट बिल 2015 को मंजूरी दे दी है। बिल में खरीददारों के हितों का ध्यान रखते हुए बिल्डरों पर नकेल कसने की कोशिश की गई है।
आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के इलाके में रियल एस्टेट का कारोबार अपने पूरे उफान पर है। किसान से लेकर कार ड्राइवर तक इस कारोबार में लगे हैं और उनका दावा है कि इसमें हर किसी के लिए कारोबार और कमीशन की गुंजाइश है।