केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे रियल इस्टेट कानून के तहत नियमों को जल्द अधिसूचित करें जो पहली मई से लागू हो गया है. नायडू ने यह बात तब कही जब केवल 14 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने ही ऐसा किया है.
आज जब टीवी देख रहा था तो कुछ इस तरह की पंक्तियां उछल रही थीं कि अब बेईमान बिल्डरों की खैर नहीं. अब नहीं बचेंगे बेईमान बिल्डर. शब्दों से किस तरह टीवी एक नकली हकीकत तैयार करता है ये पंक्तियां उसी की मिसाल हैं. आप बिल्डरों के खिलाफ रात दिन प्रदर्शन कर रहे आम लोगों से पूछिये कि क्या वाकई एक मई से रेरा कानून लागू होने के बाद बिल्डरों की खैर नहीं होगी. उनकी बेईमानी खत्म हो जाएगी.
आवास कंपनियों के प्रवर्तकों और बिल्डरों को कर्ज देने वाले बैंक और वित्तीय संस्थाएं नयी रेरा (RERA) यानी रियल एस्टेट नियममन एवं विकास अधिनियम, 2016 व्यवस्था में असुरक्षित महसूस कर रही हैं और उन्होंने अपने कर्ज़ की सुरक्षा को लेकर सफाई मांगी है. बता दें कि देश के हरक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो रही हैं.
मकान खरीददारों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून (Real Estate Act) यानी रेरा 1 मई 2017 से लागू हो गया है. देश के हरक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो रही हैं. वहीं, इसी बीच रियलिटी क्षेत्र को कर्ज़ देने वालों ने 'अपने कर्ज की सुरक्षा' के लिए सफाई मांगी है.
बहुप्रतीक्षित रीयल एस्टेट कानून सोमवार से प्रभाव में आ रहा है, लेकिन 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ही इस कानून के तहत अबतक नियमों को अधिसूचित किया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह कानून इस क्षेत्र का बस विनियमन करेगा न कि उसका गला घोंटेगा.
केंद्रीय मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "हमने एक राष्ट्रीय शहरी किराया आवास नीति, 2017 तैयार की है... इसे मंज़ूरी के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा... विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है और मसौदा तैयार हो गया है..."
दिल्ली मेट्रो रेल निगम रियल एस्टेट बाजार में हाथ आज़माने की तैयारी में है और जल्द ही 60 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये मूल्य के 500 से ज्यादा फ्लैटों के साथ बाजार में उतरेगी.
बेंगलुरु पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक रियल एस्टेट एजेंट सहित 14 लोगों को गिरफ़्तार किया है और इनके पास से 9 करोड़, 14 लाख रुपये के पुराने प्रतिबंधित करेंसी नोट बरामद किए हैं. बेंगलुरु के क्राइम पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त एन. रवि ने बताया कि बेंसन टाउन के एक घर में छापेमारी के दौरान 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बरामद किए हैं.
मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर रियल एस्टेट को जीएसटी के तहत लाने का अनुरोध किया है.
हरियाणा के गुरुग्राम में यूनिटेक की विस्टा सोसाइटी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों के पक्ष में एक और फैसला सुनाते हुए यूनिटेक को 17 करोड़ रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए हैं और 1 जनवरी, 2010 से अभी तक का ब्याज आठ हफ्ते में जमा कराने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को होगी.
चार राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों के रियल एस्टेट कानून को अधिसूचित किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू ने मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि वह यह सुनिश्चित करने में व्यक्तिगत रुचि दिखाएं कि यह कानून लागू हो.
विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समन जारी कर सकती है जो उनके 78 बैंक खातों, मुम्बई और उसके आसपास रियल एस्टेट में उनके और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कम से कम 100 करोड़ रुपये के निवेश की छानबीन कर रही है.
विवादित इस्लामिक प्रचारक ज़ाकिर नाइक के गैर सरकारी संगठन 'इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन' (आईआरएफ) पर भारत सरकार का शिकंजा कसता ही जा रहा है. नाइक से पुछताछ लिए एनआईए ने पुख्ता सबूत जुटा लिए हैं. जल्द ही उसे समन भेजे जाएंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर की रात विमुद्रीकरण के ऐलान के बाद से रियल एस्टेट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े निवेशकों और डेवलपर्स के बीच अटकलों और कयासों का बाजार गर्म है. जहां पिछले तीन साल से रियल एस्टेट का बाजार पहले ही गिरावट के ट्रेंडिंग ज़ोन में था, वहीं नोटबंदी के बाद इसे तगड़ा झटका लगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों से पैसा लेकर समय पर घर न देने के मामलों में रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनियों डीएलएफ, यूनिटेक, पार्श्वनाथ डेवलपर्स, सुपरटेक को कड़ी चेतावनी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कोई रियायत न देते हुए इन सभी कंपनियों को ब्याज सहित पैसा वापस करने को कहा है. यह पूरा घटनाक्रम पिछले एक माह से खबरों में है.