केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. बाकी क्षेत्रों की तरह देश के रियल एस्टेट की भी वित्तमंत्री के बजट के पिटारे से नई घोषणाओं की उम्मीद है. नोटबंदी के प्रभावों और रियल एस्टेट कानून 2016 के प्रावधान को लागू किए जाने से रियल एस्टेट सेक्टर अभी तक पूरी तरह उबरा नहीं है. ऐसे में कारोबार का यह क्षेत्र नए बजट से नई उम्मीदें लगाए बैठा है.
सरकार ने 2022 तक सबके लिए आवास का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है.
रियल स्टेट डेवलपर्स ने सरकार से आगामी बजट में आवास क्षेत्र को संकट से निकालने के लिए प्रोत्साहन देने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार को बजट में ऐसे उपाय करना चाहिए जिनसे निजी आवासों की खरीद व स्वामित्व आसान हो. साथ ही पारदर्शिता भी बनी रहे.
आयोग ने एक निजी बिल्डर कंपनी से कहा है कि अपने ग्राहकों को उनकी राशि लौटाए. यह मामला दिल्ली की एक फर्म अडेल लैंडमार्क्स लिमिटेड से जुड़ा है.
अरुण जेटली ने कहा, 'नोटबंदी के अलावा अगर आप पिछले तीन-चार सालों में हमारे द्वारा उठाए गए कदम को देखें तो आप पाएंगे कि इस बात को प्रमुख रूप से उभारने में सफल रहे हैं कि भारत में वित्तीय लेनदेन कैसे किया जाना चाहिए.'
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में नौ प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 44,755 इकाई रह गई. एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया है कि संपत्ति बाजार में सुस्ती से घरों की मांग घटी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा कर चोरी होती है इसलिए इसे जीएसटी के दायरे में लाने का मजबूत आधार है.
प्रॉपर्टी खरीददारों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि आप जिस प्रॉपर्टी को खरीदना चाहते हैं वो जीएसटी लागू होने के बाद सस्ती हुई है या और महंगी हो गई है? करीब दो या ढ़ाई महीने के कन्फ्यूजन के बाद भारत में एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ. रियल एस्टेट पर जीएसटी का क्या प्रभाव पड़ा इसका जवाब इन पांच बातों पर निर्भर करता है:
आयकर विभाग ने लोगों को दो लाख रुपये या इससे अधिक के नकद लेनदेन के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इस सीमा के उल्लंघन पर कानून के तहत कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा.
बड़ी कंपनियां आमतौर पर अपने ब्रांड के प्रचार-प्रसार के लिए 'बड़े नाम वाले' क्रिकेटरों का इस्तेमाल करती हैं. कई बार फर्म के वादे पर खरा नहीं उतरने के कारण दांव उलटा पड़ जाता है. ऐसे ही एक मामले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक रियल एस्टेट फर्म की विभिन्न प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले लोगों के 'गुस्से' का शिकार बन चुके हैं.
जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी महागुन रीयल एस्टेट को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 408 करोड़ रुपये की लागत से वाणिज्यिक परिसर के निर्माण की पर्यावरण मंजूरी मिल गयी है.
रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप के दो वरिष्ठ अधिकारियों को मजदूरों के वेलफेयर में खर्च होने वाले पैसे को जमा नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.
जिन कंपनियों के पास बड़ी संख्या में पहले से तैयार बिना बिके मकान हैं, उनके डेवलपर बढ़ी लागत का बोझ उसके खरीदारों पर डालने की योजना बना रहे हैं.
आमतौर पर किसी भी शख्स के लिए 'अपना घर' खरीदना उसकी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा वित्तीय फैसला होता है, सो, आजकल मकान खरीदने की कोशिशों में जुटे लोगों के बीच यही सवाल सबसे ज़्यादा चर्चा में है कि उत्पाद शुल्क (excise duty), मूल्य-वर्द्धित कर (वैट या VAT या वैल्यू एडेड टैक्स) तथा सर्विस टैक्स (service tax) जैसे लगभग एक दर्जन अप्रत्यक्ष करों के बदले 1 जुलाई से लागू होने जा रहे गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी का रीयल एस्टेट क्षेत्र पर क्या असर होगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशियों के लिए मुंबई सबसे महंगा शहर है और इस लिहाज से उसे पेरिस, कैनबरा, सिएटल तथा वियना जैसे शहरों से भी ऊपर रखा गया है.