राजनीतिक तौर पर भी भारतीय मूल के लोगों की धमक किसी भी दूसरे प्रवासी समुदाय से कम नहीं है. वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के अलावा पिछले अमेरिकी चुनाव में, वाशिंगटन की प्रमिला जयपाल, कैलिफोर्निया से रो खन्ना और इलिनोइस के राजा कृष्णमूर्ति चुने गए थे.
प्रधानमंत्री मोदी 21 जून से शुरू होने वाली अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ व्यापक वार्ता करेंगे और दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे.
भारत के प्रधानमंत्री के सम्मान में व्हाइट हाउस में गार्ड ऑफ़ ऑनर और राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा. राष्ट्रपति बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी होगी जिसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
जेट इंजन तकनीक को विमानन क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता रहा है. कई देश इसे हासिल करने के प्रयास में हैं. लेकिन बहुत कम देशों के पास यह तकनीक अभी उपलब्ध है.
अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे के डेटा के अनुसार भारतीय मूल के कम से कम 4.1 मिलियन लोग अमेरिका में रहते हैं, जिनमें अमेरिकी आबादी का 1.3 प्रतिशत शामिल है और मैक्सिकन अमेरिकियों के बाद अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा आप्रवासी समूह है.
PM Modi US visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून तक चार दिनों की अमेरिकी दौरे पर हैं. उनके आने से पूरा भारतीय-अमेरिकी समुदाय बहुत उत्साहित है.
करीब 3 अरब अमेरिकी डॉलर की इस डील में भारत को 30 MQ 9B रीपर ड्रोन मिलेंगे, जिनमें से 14 ड्रोन भारतीय नौसेना को और 8-8 ड्रोन आर्मी और एयरफोर्स को मिलेंगे. PM नरेंद्र मोदी की दो दिन में शुरू हो रही अमेरिका यात्रा में ही इस सौदे पर दस्तखत होने जा रहे हैं, और डिफेंस एक्सपर्ट इसे गेमचेंजर के तौर पर देख रहे हैं.
इंटरनेशनल डिप्लोमेसी बहुत हद तक कारोबार से ही निर्धारित होती है, लेकिन PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपतियों के मामले में यह कुछ अलग रहा है. आइए जानते हैं, ओबामा से लेकर बाइडेन तक मोदी की केमिस्ट्री कैसी रही है...?
राजकीय दौरे बेहद दुर्लभ और सम्मानजनक होते हैं, और इन्हें दोस्ताना द्विपक्षीय संबंधों की सर्वोच्च अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है. राजकीय यात्रा किसी राज्य प्रमुख द्वारा अपने आधिकारिक आवास पर आने के लिए दिया गया निमंत्रण होता है, और ऐसा केवल करीबी सहयोगियों को ही दिया जाता है.
न्यूयॉर्क के टाइम्स नेटवर्क पर एक शख्स ने कहा कि पीएम मोदी का कद न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ रहा है. भारत ही नहीं हमारे अमेरिकी मित्र भी उनकी एक झलक देखने के लिए आतुर हैं.