एक सवाल के जवाब में किर्बी ने कहा, ‘‘ जैसा कि आप जानते हैं, अमेरिका की भारत के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदारी है और ‘क्वाड’ में, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ बेहतरीन सहयोग है ... हम (PM मोदी की) यात्रा के लिए उत्सुक हैं.’
यात्रा की योजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार दोनों पक्ष संयुक्त बयान को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिसे एक मजबूत परिणामी दस्तावेज बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि यह आने वाले दशकों के लिए भारत-अमेरिका संबंधों की प्रकृति और रूपरेखा को आकार देगा.
अमेरिकी कांग्रेस द्वारा जारी बयान के अनुसार, यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस ने 22 जून को देश की अपनी यात्रा के दौरान प्रतिनिधि सभा और सीनेट की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कैविन मैक्कार्थी, मिच मैककॉनेल, चक शूमर और हकीम जेफरीज को इस निमंत्रण के लिए धन्यवाद. मैं इसे स्वीकार करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं और एक बार फिर कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं.'
प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. अमेरिकी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि मोदी भारत के भविष्य के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस माह के अंत में होने वाली अमेरिका यात्रा से पहले स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वास्थ्य के लिए कृत्रिम मेधा, जांच, मानव क्षमता निर्माण और जैव सुरक्षा जैसे चार क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ा सकते हैं और इसके जरिए स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में सहयोग को अगले स्तर तक पहुंचाया जा सकता है.
पीएम नरेंद्र मोदी 22 जून को संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जाएंगे. अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन द्वारा व्हाइट हाउस, विदेश मंत्रालय में राजकीय रात्रिभोज में की जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर रहेंगे. वॉशिंगटन ने पीएम मोदी को 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस के ज्वॉइंट सेशन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है.
राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का हवाला देते हुए कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर इस संबंध में काम कर रही है और "इस पर सही दिशा में आगे बढ़ रही है."
भारत (India) द्वारा चीन (China) से अपनी सीमा के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत वाशिंगटन (Washington) पर निर्भर रह सकता है, क्योंकि अमेरिका सीमाओं, संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करने के लिए खड़ा है.