वेदांती ने यहां संवाददाताओं से कहा, "केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट (श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास) के गठन के बाद अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मुझे लगता है कि वर्ष 2024 के चुनाव से पहले इस मंदिर का प्रारूप खड़ा हो जाएगा. उन्होंने कहा, "चूंकि यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनेगा. इसलिये इसके निर्माण में राम जन्मभूमि परिसर की 67 एकड़ जमीन कम पड़ेगी. हो सकता है कि सरकार के गठित ट्रस्ट को भव्य मंदिर के निर्माण के लिये इस परिसर के आस-पास की भूमि का अधिग्रहण करना पड़े."
अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने मंदिर निर्माण कार्य का आकलन किया. दौरे के दौरान यहां के कमिश्नर एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय भी नृपेंद्र मिश्र के साथ रहे. इस दौरान उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में करीब तीन घंटे बिताए. इसके बाद श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थानीय सदस्यों और जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बैठक कर शिलाओं को लाने वाले रास्ते का निरीक्षण किया.
रामलला की मूर्तियों को यहां सबसे पहले 22-23 दिसंबर, 1949 की मध्यरात्रि के दौरान रखा गया था. 43 साल बाद, विवादित ढांचे को ढहाए जाने के बाद मूर्तियों को हटा दिया गया था.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नव मनोनीत अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि जो भक्तजन चाहें, वे दान दे सकते हैं लेकिन सरकार से इस कार्य में कोई आर्थिक सहयोग पाने की कामना नहीं है.
‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के अध्यक्ष प्रबंध महंत नृत्य गोपाल दास समेत ट्रस्ट के सदस्यों ने गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यहां उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें अयोध्या आने का निमंत्रण दिया. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हाल ही में गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक बुधवार को हुई थी. ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद नेता चंपत राय तथा कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि भी बैठक में उपस्थित थे.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने नया शिगूफा छोड़ दिया है. उन्होंने कहा है कि अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए ट्रस्ट बनाया जा सकता है तो मस्जिद के लिए क्यों नहीं? बीजेपी (BJP) ने इस बयान को लेकर शरद पवार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया है. शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में बीजेपी को पटखनी देने वाले एनसीपी नेता शरद पवार ने अब उत्तरप्रदेश की राह पकड़ ली है. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है. इसके साथ ही उन्होंने बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के लिए ट्रस्ट क्यों नहीं? कहकर नए विवाद को हवा दे दी है.
राम मंदिर निर्माण के लिए बीते 25 वर्षों से तराशे जा रहे पत्थरों की शिल्पकारी का उपयोग किया जाएगा. साथ ही श्रीराम शिलाएं भी मंदिर में इस्तेमाल की जाएंगी. इन पत्थरों में अद्भुत कलाकारी की गई है.
अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir) के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आज पहली बैठक हुई है. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. महंत नृत्य गोपाल दास (Nritya Gopal Das) को राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) का अध्यक्ष बनाया गया, जबकि विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के उपाध्यक्ष चंपत राय को महासचिव बनाया गया.
अयोध्या मामले में टाइटल सूट के पक्षकार त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने कहा कि गृर्भ गृह का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर वापस लाया जाएगा.
मुस्लिमों के मुताबिक बाबरी मस्जिद वाले इलाके में ‘गंज शहीदान’नाम का एक कब्रिस्तान है जहां अयोध्या में 1885 में हुए दंगों में जान गंवाने वाले 75 मुस्लिमों को दफनाया गया था