झारखंड के पाकुड़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए BJP अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनियाभर में हिंदुओं की इच्छा के अनुरूप अयोध्या में चार महीने के अंदर एक भव्य राम मंदिर (Ram Temple) बनाने का काम शुरू हो जाएगा.
बिहार के कैमूर जिले के प्रसिद्ध गोविंद भोग और कतरनी चावल से अयोध्या में रामलला का भोग बनेगा. भगवान के अलावा भक्तों के लिए भोजन प्रसाद भी इसी चावल से ही बनेगा. इसके लिए 60 क्विंटल चावल अयोध्या भेजा गया है.
राम जन्मभूमि पर आसमान छूने वाला मंदिर बनेगा. अमित शाह ने यह बात भगवान बिरसा मुंडा की धरती मनिका, लातेहार में अपनी चुनावी रैली के दौरान कही. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी न्यायालय में केस ही नहीं चलने देती थी. अभी उच्चतम न्यायालय ने सर्वानुमति से यह निर्णय कर दिया है. राम जन्मभूमि पर आसमान छूने वाला मंदिर बनेगा.
राम बारात इस साल 21 नवंबर को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए रवाना होगी. इस साल सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर के पक्ष में आए फैसले के बाद बारात और धूमधाम से निकाली जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मेरा काम पूरा हो गया है. मेरे जैसे लोगों के रिटायर होने का समय आ गया है. जनसंख्या नियंत्रण का कानून लागू होने के बाद मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.'
योगगुरु स्वामी रामदेव ने शनिवार को कहा कि अयोध्या में राममंदिर की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामनवमी पर रखनी चाहिए. रामदेव ने कहा कि राममंदिर महान वैदिक परंपरा का प्रतिबिंब होना चाहिए. मंदिर नगर उडुपी में पांच दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर के लिए पहुंचे स्वामी रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अयोध्या में राममंदिर ऐसा बनना चाहिए जिससे यह वेटिकन, मक्का और अमृतसर में स्वर्णमंदिर की तरह हिंदुओं के लिए एक महान तीर्थस्थल बने.’’
सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गत नौ नवम्बर को फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिये अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 51 हजार रुपये देने की घोषणा की.
अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण की जिम्मेदारी पूरी करने का वहां के एक ट्रस्ट ने दावा किया है. रामालय ट्रस्ट के सेक्रेटरी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आज पीएमओ और गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा. ट्रस्ट ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए किसी नए ट्रस्ट के गठन की जरूरत नहीं है. रामालय ट्रस्ट पहले से है और यह दुनिया का सबसे भव्य मंदिर बनाएगा. इस मंदिर में एक लाख से अधिक श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से मंदिर के लिए तीन माह में एक ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले में अपना फैसला सुना दिया. इस फैसले से विवदित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर के लिए योजना तैयार करेगी. इसके लिए बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का गठन किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों में जिज्ञासा है कि आखिर अयोध्या में भव्य राम मंदिर कैसा बनेगा? इसका जवाब जाने माने आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा (Chandrakant Bhai Sompura) के पास है जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर की डिजाइन तैयार की है.