योगगुरु स्वामी रामदेव ने शनिवार को कहा कि अयोध्या में राममंदिर की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामनवमी पर रखनी चाहिए. रामदेव ने कहा कि राममंदिर महान वैदिक परंपरा का प्रतिबिंब होना चाहिए. मंदिर नगर उडुपी में पांच दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर के लिए पहुंचे स्वामी रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अयोध्या में राममंदिर ऐसा बनना चाहिए जिससे यह वेटिकन, मक्का और अमृतसर में स्वर्णमंदिर की तरह हिंदुओं के लिए एक महान तीर्थस्थल बने.’’
सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गत नौ नवम्बर को फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिये अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 51 हजार रुपये देने की घोषणा की.
अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण की जिम्मेदारी पूरी करने का वहां के एक ट्रस्ट ने दावा किया है. रामालय ट्रस्ट के सेक्रेटरी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आज पीएमओ और गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा. ट्रस्ट ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए किसी नए ट्रस्ट के गठन की जरूरत नहीं है. रामालय ट्रस्ट पहले से है और यह दुनिया का सबसे भव्य मंदिर बनाएगा. इस मंदिर में एक लाख से अधिक श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से मंदिर के लिए तीन माह में एक ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले में अपना फैसला सुना दिया. इस फैसले से विवदित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर के लिए योजना तैयार करेगी. इसके लिए बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का गठन किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों में जिज्ञासा है कि आखिर अयोध्या में भव्य राम मंदिर कैसा बनेगा? इसका जवाब जाने माने आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा (Chandrakant Bhai Sompura) के पास है जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर की डिजाइन तैयार की है.
महाराष्ट्र में आज बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने जा रहा है. माना जा रहा है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से किसानों के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में शिवसेना के मंत्रियों के साथ सरकार बनाने पर भी चर्चा हुई. इसी बैठक के बाद बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुधीर मुंटीगवार ने कहा कि 'अच्छी खबर' आने वाली है.
बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के ज़मीन विवाद (Ayodhya case) पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है और इस पर 17 नंवबर से पहले फ़ैसला सुनाया जा सकता है. 17 नवंबर को ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं.
फैसला सुरक्षित रखने जाने के बाद अयोध्या में जगह-जगह पुलिस ने बैरियर लगा दिए हैं. गाड़ियों को रोककर लोगों की तलाशी ली जा रही है. इसके अलावा यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दीवाली मनाने आने वाले हैं, ऐसे में भी सुरक्षा मजबूत की गई है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है, 'सुरक्षा की व्यवस्था व्यापक होगी. पिछली बार भी हम लोगों ने किया था. क्योंकि इस साल विशाल स्तर पर किया जा रहा है. पूरी व्यवस्था होगी. पैरा मिलिट्री फोर्स, पीएसी, पुलिस सभी की व्यवस्था होगी.'
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित रख लिया. संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की. इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं. संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया. इस मामले में दशहरा अवकाश के बाद 14 अक्टूबर से अंतिम चरण की सुनवाई शुरू हुयी.
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 40 दिन तक चलने के बाद खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट नवंबर में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद फैसला सुनाएगा. सूत्रों के मुताबिक मध्यस्थता पैनल ने भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इसमें एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड (Sunni Waqf Board) सरकार को जमीन देने को तैयार हो गया है. साथ ही वक्फ बोर्ड दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए भी तैयार है.