श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. मंदिर की नींव में डालने के लिए देशभर की नदियों का जल और पवित्र स्थानों की मिट्टी को अयोध्या भेजने का क्रम जारी है. इसी कड़ी में दिल्ली के पवित्र 11 स्थानों की मिट्टी पीतल के कलशों में भर कर शुक्रवार को अयोध्या के लिए रवाना की गई.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लेटर पिटिशन दाखिल किया गया है.
मंदिर के आर्किटेक्ट ने बताया है कि नए मंदिर को पिछली डिज़ाइन में तय ऊंचाई से ज्यादा ऊंचा बनाया जा रहा है. नया मंदिर पहले से 20 फीट ज्यादा, 161 फीट ऊंचा होगा. पिछले डिज़ाइन में इसकी ऊंचाई 141 फीट तय की गई थी.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के लिए भव्य तैयारियां चल रही हैं. बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम की तारीख 5 अगस्त को तय की गई है जिसमें पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा मंदिर आंदोलन से जुड़े लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के आने की संभावना है. हालांकि पीएम मोदी के आने के पुष्टि अभी तक नहीं की गई है. इस कार्यक्रम में चांदी की शिलाओं का पूजन किया जाएगा. जिन्हें महंत नृत्य गोपाल दास मंदिर को अर्पित करेंगे. काशी और अयोध्या के 11 पुजारी पूजन करवाएंगे. हालांकि कोरोना की वजह से इस आयोजन में कम ही लोग शामिल होंगे. मिल रही जानकारी के मुताबिक भूमि पूजन गर्भगृह वाले स्थान पर होगा. 5 शिलाओं का पूजन होगा. इसके लिए 40 किलो के वजन वाली शिलाएं बनवाई गई हैं.
अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज 40 किलोग्राम वजन की चांदी की श्रीराम शिला को मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के लिए समर्पित करेंगे. चांदी की यह शिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रखेंगे. अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के लिए भूमिपूजन 3 या 5 अगस्त को होने की संभावना है.
Covid-19 महामारी के चलते इसके निर्माण कार्य में पहले ही खासा विलंब हो चुका है. सूत्रों के अनुसार, रामजन्म भूमि ट्रस्ट भूमि पूजा के लिए अगस्त महीने के पहले सप्ताह में पीएम मोदी का अयोध्या दौरे पर विचार कर रहा है. पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा भूमि पूजन के बाद निर्माण कार्य की शुरुआत हो सकती है. हालांकि यह सारी बातें कोरोना हालातों पर भी निर्भर करेंगी. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में कोरोना (Corona Cases in UP) के मामले तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं.
लॉकडाउन के चलते अयोध्या (Ayodhya) स्थित राम जन्मभूमि स्थित मंदिर (अस्थायी) दो महीने से ज्यादा वक्त से बंद था. आज (सोमवार) से देश के सभी धार्मिक स्थल खुल रहे हैं, लिहाजा राम मंदिर भी खुल रहा है. भक्त अब वहां पूजा-अर्चना कर सकेंगे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा.
रामलला का नया सिंहासन साढ़े नौ किलो चांदी से बनवाकर अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित कर दिया है.
रामनगरी अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाए जाने की तैयारी है. रामलला अब अयोध्या में बुलेटप्रूफ फाइवर के बने मंदिर में रजत सिंहासन पर विराजेंगे. श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में शुरू हुआ प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ा पूजन-अर्चन शुरू हो चुका है.
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि फाइबर के मंदिर का निर्माण और अयोध्या में मंदिर परिसर के अंदर इसे स्थापित करने की जिम्मेदारी सुरक्षा एजेंसियों की होगी. राय ने बताया कि ट्रस्ट के आयोध्या कार्यालय के भवन को भी चयन कर लिया गया है.